खुशखबरी! अब जलाशयों में पकड़ सकते हैं मछली, सरकार ने हटाई रोक..हजारों मछुआरों को फायदा

हिमाचल प्रदेश में मछली पकड़ने पर लगी रोक हटने से पोंग डैम समेत पूरे राज्य के मछुआरों को बड़ी राहत मिली है. यह रोक हर साल प्रजनन काल के दौरान लगती है. अब मछुआरे फिर से काम शुरू कर सकेंगे और उनकी आमदनी में सुधार की उम्मीद है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 17 Aug, 2025 | 09:14 AM

मछुआरों के लिए खुशखबरी है. हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग ने राज्य भर के जलाशयों में मछली पकड़ने पर लगी रोक हटा दी है, जिससे कांगड़ा की निचली पहाड़ियों में स्थित पोंग डैम के मछुआरों को बड़ी राहत मिली है. यह रोक हर साल 15 जून से 15 अगस्त तक मछलियों के प्रजनन काल के चलते लगाई जाती है. अब रोक हटने के बाद मछुआरे फिर से अपनी रोज-रोटी का काम शुरू कर सकते हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार मत्स्य विभाग ने रोक के दौरान नियम तोड़ने वालों पर सख्ती दिखाई. विभाग ने 719 मामलों में अवैध मछली पकड़ने की कार्रवाई की और 6.25 लाख रुपये का जुर्माना वसूला. यह पिछले साल की तुलना में 109 मामले ज्यादा हैं और 67,000 रुपये अधिक जुर्माना वसूला गया है. वहीं, इस खबर से मछुआरो की बीच खुशखबरी है. एक मछुआरे ने कहा है कि अब वह फिर से जाल और नाव के साथ तलाबों और डैम में उतर पाएगा. अब फिर से कमाई शुरू हो जाएगी और आर्थिक तंगी में भी सुधार आएगा.

3,395 मछुआरों को रोजगार देता है पोंग डैम

पोंग डैम जलाशय, जो करीब 24,000 हेक्टेयर में फैला है. यह 15 रजिस्टर्ड मछुआरा समितियों के जरिए 3,395 मछुआरों को रोजगार देता है. मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल (बिलासपुर) के अनुसार, विभाग की टीमों ने पोंग डैम में 218 अवैध मछली पकड़ने के मामले पकड़े और 2,28,250 रुपये का जुर्माना वसूला. प्रजनन काल के दौरान मछलियों की सुरक्षा के लिए विभाग ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए थे, जिनमें कैम्प और फ्लाइंग स्क्वॉड शामिल हैं. प्रदेश में 12,000 से ज्यादा मछुआरे जलाशयों और जल स्रोतों से अपनी आजीविका कमाते हैं. अब जब मछली पकड़ने पर लगी रोक हट चुकी है, तो मछुआरों को फिर से लाभ मिलने की उम्मीद है. पिछले साल पोंग डैम से 387 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था.

बरसात प्रजनन का समय होता है

बरसात का मौसम मछलियों के लिए प्रजनन का समय होता है. इस दौरान मछियां अंडे देती हैं. इससे मछलियों की संख्या में इजाफा होता है. यह वजह है कि बरसात में मछली पकड़ने पर रोक इसलिए लगाई जाती है, ताकि मछलियां आराम से अंडे दे सकें और उनकी संख्या बनी रहे. एक्सपर्ट का कहना है कि 15 जून से 15 अगस्त तक का समय मछलियों के लिए सबसे अच्छा प्रजनन काल माना गया है. अगर इस वक्त मछली पकड़ी जाए, तो उनका प्रजनन रुक सकता है और मछलियों की संख्या कम हो सकती है. साथ ही बरसात के मौसम में पानी अक्सर गंदा हो जाता है और उसमें प्रदूषण बढ़ जाता है. ऐसे में अगर मछली पकड़ी जाती है, तो वो साफ पानी की नहीं होती और उसे खाने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.

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Published: 17 Aug, 2025 | 09:11 AM

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