इस रोग से सोयाबीन की पत्तियों पर होते हैं पीले धब्बे, किसान समय रहते कर लें बचाव

पीले मोजेक रोग से सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए सबसे पहले किसानों के लिए जरूरी है कि वे खेती के लिए सोयाबीन की उन्नत किस्मों का चुनाव करें, जो कि पीले मोजेक रोग के प्रतिरोधी हैं.

नोएडा | Updated On: 27 Jul, 2025 | 07:53 PM

सोयाबीन की खेती देशभर में बड़े पैमाने पर होती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छी उपज भी मिलती है साथ ही अच्छी कमाई भी होती है. लेकिन कई बार मौसम की मार या फिर किसानों की लापरवाही के कारण सोयाबीन की फसल में कीटों का आक्रमण हो जाता है. बरसात के दिनों में सोयाबीन की फसल पर पीले मोजेक रोग का खतरा बढ़ जाता है. इस रोग का प्रकोप फसल पर विशेष रूप से जुलाई से अक्टूबर के बीच सबसे ज्यादा होता है. पीले मोजेक का सोयाबीन की फसल में लगना एक गंभीर समस्या है जिसके कारण फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को भी इसका भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

पीले मोजेक का लक्षण

पीले मोजेक रोग के कुछ लक्षण हैं जिनकी पहचान कर किसान समय रहते सोयाबीन की फसल का बचाव कर सकते हैं. इस रोग की पहचान है कि इसके संक्रमण से फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और उनपर सलवटें पड़ने लगती हैं. जिसके बाद पत्तियां खुरदुरी हो जाती हैं. बता दें कि इस रोग के संक्रमण से सोयाबीन की फलियां छोटी होती हैं और दाने सिकुड़ने लगते हैं. इसके साथ ही पौधों की ग्रोथ भी रुक जाती हैं. कुछ समय बाद फसल कमजोर होकर सूखकर खराब हो जाती है.

ऐसे करें फसल का बचाव

पीले मोजेक रोग से सोयाबीन की फसल को बचाने के लिए सबसे पहले किसानों के लिए जरूरी है कि वे खेती के लिए सोयाबीन की उन्नत किस्मों का चुनाव करें, जो कि पीले मोजेक रोग के प्रतिरोधी हैं. अगर फसल में पीले मोजेक रोग के लगने के शुरुआती लक्षण नजर आएं तो पौधे या फसल के प्रभावित हिस्से को हटाकर अलग कर दें. इसके अलावा किसान फसलों पर नीम के तेल या कीटनाशकों का छिड़काव भी कर सकते हैं. नीम आधारित कीटनाशकों का छिड़काव करने से फसल को रोग से बचाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है.

कीटनाशकों का करें छिड़काव

किसान सोयाबीन की फसल को पीले मोजेक रोग से बचाने के लिए डाईमेथोएट 30 ई.सी.कीटनाशक का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़काव करें. अगर जरूरत लगे तो 10 दिन बाद दोबारा फसल पर इस कीटनाशक का छिड़काव करें. इसके अलावा इमिडाक्लोप्रिड 200 एस.एल.कीटनाशक का 1 मीलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इस घोल का छिड़काव करें. बता दें कि पीला मोजेक रोग एक वायरस जनित रोग है जो कि बहुत जल्दी फैलता है. इसलिए समय रहते इसकी रोकथाम करना बेहद जरूरी है, वरना यह पूरी फसल को चौपट कर देता है.

Published: 27 Jul, 2025 | 09:31 PM