मध्य प्रदेश में बीते कई दिनों से लगातार जारी भारी बारिश राज्य की सभी नदियां और जलाशय उफान पर हैं. पगारा बांध का जलस्तर बढ़ने के बाद सभी गेट खोल दिए जाने से 32 गांव और चंबल नदी का पानी घुसने से 91 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इन गांवों को अलर्ट जारी किया गया है. जबकि, कई हजार हेक्टेयर में खड़ी धान, मक्का, सोयाबीन और तिल समेत अन्य खरीफ फसलें पानी में डूब गई हैं. जबकि, पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गई है और उनके जलजनित बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है
मध्य प्रदेश में बीते दिनों से लगातार मानसून का कहर बरस रहा है. राज्य मौसम विभाग के अनुसार मुरैना सहित प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में ज्यादा बारिश हुई है. मुरैना जिले की जौरा तहसील के अंतर्गत पगारा बांध के सभी गेट ऑटोमेटिक खुल जाने के बाद आसन नदी का रौद्र रूप देखते ही बनता है. पगारा बांध का जलस्तर क्षमता से अधिक होने के बाद सभी गेट खोले गए थे. इसके बाद 32 गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया था. इन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जबकि अन्य इलाकों से संपर्क कटा हुआ है.
मक्का-धान समेत कई फसलों को नुकसान
जौरा तहसील के गांवों में मक्का, धान, सोयाबीन और तिल समेत अन्य फसलें बांध के पानी में डूब गई हैं. किसानों के अनुसार अगर जल्द पानी कम नहीं हुआ तो फसलें सड़ने का डर है. जबकि, उपज की क्वालिटी गिरना तय है. किसानों ने कहा कि इससे उन्हें फसल का नुकसान तो होगा ही, उल्टे जो उपज होगी उसका दाम भी कम मिलेगा. किसानों ने राज्य सरकार से फसल नुकसान का मुआवजा देने की गुहार लगाई है.
35 फीसदी बुवाई में ज्यादातर फसलें डूबीं
राज्य में लगातार हो रही बरसात से इस बार खरीफ की फसल की बुवाई लगभग 35 फीसदी हो सकी है. इसमें से अधिकांश फसल अत्यधिक बारिश के चलते खराब हो गई है. अकेले मुरैना जिले में लगभग 2.70 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर खरीफ की बोवनी होती है. यहां ज्यादातर हिस्से में फसलें बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं. इससे वर्तमान में मवेशियों के चारे का संकट गहरा गया है. जबकि, पशुओं के जलजनित बीमारियों की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ गया है.
क्वारी नदी का पानी बढ़ने से कई गांवों के रास्ते बंद
वहीं, इलाके में बहने वाली क्वॉरी नदी पर 2 दिन से जलस्तर बढ़ने से रास्ता बंद हो गया है. इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद जिले के सभी जलाशय पूरी तरह लबालब हो गए हैं और ग्रामीण क्षेत्र के रास्ते बंद हो गए हैं या संपर्क कट गया है, जिससे ग्रामीण जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. मौसम विभाग ने आज 20 जुलाई और कल 21 जुलाई को सुबह तक के लिए प्रदेश में बारिश का अनुमान जताया है.

जलस्तर बढ़ने के बाद छोड़ा गया बांध का पानी.
91 गांवों में घुसा चंबल नदी का पानी
चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 125 मीटर पर बना हुआ है. इससे इलाके के 91 गांवों में पानी भर गया है. प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को सतर्कता बरतने को कहा जा रहा है. जल भराव की स्थिति में 64 शेल्टर हाउस में ग्रामीणों का विस्थापन किया गया है. वहीं, मध्य प्रदेश के मुरैना समेत अन्य इलाकों में तेज बरसात के कारण मौसमी नदियां उफान पर लगातार बनी हुई हैं. इनसे दर्जनों गांवों का आवागमन जहां बंद है. वहीं, राज्य के पगारा बांध, कोतवाल, पिलुआ समेत अन्य बांधों का द्रश्य डरावना और रोमांचित करने वाला बना हुआ है. इसके चलते बड़ी संख्या में बांधों पर सैलानी पहुंच रहे हैं. बांधों के गेट खुलने से सैलानी आनंद ले रहे हैं.