कद्दू का पौधा अपनी हरियाली और बड़े पीले फूलों के कारण बगीचे या खेत में अलग ही सुंदरता जोड़ देता है. लेकिन जब यही फूल बार-बार झड़ने लगते हैं और फल नहीं बनते, तो किसान और माली दोनों के लिए यह चिंता की बात बन जाती है. मेहनत से लगाए गए पौधे अगर फल न दें तो निराशा स्वाभाविक है. पर अच्छी बात यह है कि कुछ आसान उपायों और सही देखभाल से इस समस्या को पूरी तरह दूर किया जा सकता है.
फूल झड़ने की सबसे बड़ी वजह
कद्दू के पौधों में नर और मादा दोनों तरह के फूल होते हैं. फल बनने के लिए मादा फूल को नर फूल का पराग (pollen) मिलना जरूरी होता है. यह काम आमतौर पर मधुमक्खियां और अन्य परागण करने वाले कीट करती हैं. अगर आपके खेत या बगीचे में इन कीटों की संख्या कम है, तो परागण अधूरा रह जाता है और मादा फूल झड़ जाते हैं.
इस समस्या से बचने का सबसे आसान तरीका है- हाथों से परागण करना. इसके लिए एक छोटा ब्रश या रुई का टुकड़ा लें, नर फूल से पराग उठाकर मादा फूल के अंदर हल्के से लगा दें. यह प्रक्रिया सुबह के समय करें जब फूल ताजे और खुले हों. इससे फल बनने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
पौधों का तनाव भी बड़ी वजह
कई बार फूल झड़ने की वजह परागण की कमी नहीं बल्कि पौधे पर पड़ने वाला तनाव होता है. जैसे –
- बहुत ज्यादा गर्मी या ठंड
- पानी की कमी या जरूरत से ज्यादा पानी
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी
अचानक मौसम बदलना
जब पौधा तनाव में आता है, तो वह फूल गिरा देता है ताकि अपनी ऊर्जा बचा सके. इससे बचने के लिए मिट्टी को हमेशा नम लेकिन जलभराव रहित रखें. पानी देते समय ध्यान रखें कि मिट्टी सूखने न पाए और पौधे की जड़ों में सड़न भी न हो.
सही मिट्टी और खाद का रखें ध्यान
कद्दू को जैविक खाद वाली उपजाऊ मिट्टी सबसे ज्यादा पसंद होती है. अगर मिट्टी में गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाई जाए तो पौधा मजबूत बनता है और फूल लंबे समय तक टिके रहते हैं. फूल आने से पहले पोटाश और फास्फोरस वाली खाद देना लाभकारी होता है. इससे पौधे को ऊर्जा मिलती है और फूल गिरने की संभावना कम होती है.
कीट और बीमारियों से करें बचाव
फूल झड़ने की एक और बड़ी वजह है कीट और रोग. एफिड्स, व्हाइटफ्लाई, माइट्स जैसे कीट फूलों को नुकसान पहुंचाते हैं. इनसे बचने के लिए नीम का तेल बहुत असरदार उपाय है.
आप 5 लीटर पानी में 2 चम्मच नीम का तेल और थोड़ी-सी साबुन की बूंदें मिलाकर छिड़काव करें. यह प्राकृतिक तरीका है, जिससे पौधों को कोई नुकसान नहीं होता.
साथ ही खेत को हमेशा साफ रखें, खरपतवार न बढ़ने दें और पौधों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें. इससे हवा का संचार बना रहता है और फफूंदी या बैक्टीरियल रोगों का खतरा कम होता है.
पौधों को दें पूरा सूरज और प्यार
कद्दू के पौधे को रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे धूप मिलनी चाहिए. अगर पौधे को पर्याप्त रोशनी नहीं मिलेगी तो वह कमजोर रहेगा और फूल टिक नहीं पाएंगे. इसलिए कोशिश करें कि पौधे ऐसी जगह लगाएं जहां धूप भरपूर आती हो.