Pollination Tips: देश के कई राज्यों में प्याज के फूल खिले हुए हैं, लेकिन मधुमक्खियों का झुंड अभी तक नहीं दिख रहा है. यह स्थिति प्याज के बीज उत्पादन करने वाले किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है. मधुमक्खियां फूलों के प्राकृतिक परागण के लिए जरूरी होती हैं और उनके बिना बीज की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता प्रभावित हो सकती है.
मधुमक्खियों की अनुपस्थिति का असर
प्याज के फूलों पर मधुमक्खियों का न होना सीधे बीज उत्पादन पर असर डालता है. कुछ किसान अपने प्याज के कंद की कटाई नहीं करते और सीधे बीज उत्पादन पर ध्यान देते हैं. मधुमक्खियों की कमी के कारण बीज का प्राकृतिक परागण नहीं हो पाता. मैनुअल परागण एक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह मधुमक्खियों जितना प्रभावी नहीं होता.
इस वजह से किसान चिंतित हैं कि उनके बीज की गुणवत्ता और संख्या प्रभावित हो सकती है. यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो न केवल बीज की कटाई कम होगी, बल्कि अगले साल किसानों के लिए पर्याप्त बीज उपलब्ध कराने में भी परेशानी हो सकती है.
परागण क्यों है जरूरी
प्याज खुद परागण करने वाला पौधा नहीं है. इसे अच्छे बीज उत्पादन के लिए परागकण एजेंटों की जरूरत होती है. फूलों से निकलने वाला मीठा रस मधुमक्खियों को आकर्षित करता है. ये रस उनके शरीर और पैरों पर चिपकता है और जब मधुमक्खियां अन्य फूलों पर बैठती हैं, तो परागकण फूलों के मादा प्रजनन भाग में ट्रांसफर हो जाता है.
मधुमक्खियों के बिना यह प्रक्रिया अधूरी रह जाती है. परिणामस्वरूप फूलों से बीज का निर्माण कम हो जाता है और बीज की गुणवत्ता प्रभावित होती है. प्याज के बीज उत्पादन में मधुमक्खियों का योगदान लगभग 70 प्रतिशत तक माना जाता है, इसलिए उनकी अनुपस्थिति गंभीर समस्या है.
किसान क्या कर सकते हैं
मैनुअल परागण करें – मधुमक्खियों के न आने पर हाथ से फूलों का परागण किया जा सकता है. यह समय लेने वाला है, लेकिन बीज उत्पादन को बचाने में मदद करता है.
मधुमक्खियों के लिए वातावरण तैयार करें – खेत के आसपास फूलों के पौधे लगाएं, मधुमक्खी घर बनाएं या छोटे झुरमुटों में फूल लगाएं. इससे मधुमक्खियां आकर्षित होंगी और फूलों का परागण होगा.
कीट और रासायनिक प्रयोगों से बचें – कीटनाशक और रासायनिक स्प्रे मधुमक्खियों को भगाते हैं. परागण के समय कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करें.
फसल घेराबंदी – प्याज के खेत को अन्य फूलों और फसलों से अलग रखकर मधुमक्खियों को आकर्षित किया जा सकता है.
समय पर पानी और पोषण – फूलों के समय पर्याप्त पानी और पोषक तत्व देना मधुमक्खियों को आकर्षित करता है.
बीज उत्पादन का महत्व
किसान अक्टूबर और नवंबर में प्याज की फसल लगाते हैं. पहला फूल जनवरी में आता है और मार्च तक जारी रहता है. इस दौरान मधुमक्खियों का परागण होना जरूरी है. बीज बनने के बाद किसान उसे काटते हैं, धूप में सुखाते हैं और बीज कंपनियों को भेजते हैं.
भारत में औसतन सालाना 15,000 टन प्याज के बीज का उत्पादन होता है. अधिकांश किसान अपने खेतों के बीज इस्तेमाल करते हैं और यदि कमी होती है, तो कंपनियां इसे पूरा करती हैं. मधुमक्खियों की अनुपस्थिति से उत्पादन कम होने पर न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है, बल्कि पूरे प्याज बीज बाजार पर असर पड़ सकता है.