आलू बुखारा यानी प्लम के पेड़ न सिर्फ अपने मीठे फलों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि बसंत में खिलने वाले खूबसूरत फूल भी किसानों के मन को भाते हैं. लेकिन कई बार ये फूल पेड़ पर आते ही झड़ने लगते हैं, जिससे फल नहीं बनते और उत्पादन में भारी कमी आती है. फूल झड़ने की यह समस्या किसानों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकती है. हालांकि अगर कुछ आसान उपाय समय पर अपना लिए जाएं, तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है.
फूल झड़ने के मुख्य कारण क्या हैं?
इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे परागण की कमी, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, कीट और रोगों का प्रकोप, या फिर मौसम की मार. ऐसे में नीचे दिए गए तरीकों से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं.
परागण यानी pollination को बढ़ावा दें
आलू बुखारा के पेड़ों को फल बनने के लिए क्रॉस पोलिनेशन की जरूरत होती है, यानी एक किस्म से दूसरी किस्म के फूलों के बीच पराग का आदान-प्रदान. इसके लिए किसान अपने बाग में एक से अधिक किस्मों को एक साथ लगाएं, जो एक ही समय पर फूलें.
साथ ही, मधुमक्खियों जैसे प्राकृतिक परागण मित्रों को आकर्षित करने के लिए बाग में फूलदार पौधे लगाएं. जरूरत पड़े तो हाथ से परागण (hand pollination) या मशीन की मदद से भी किया जा सकता है.
पोषण और सिंचाई पर ध्यान दें
फूलों को टिके रहने और अच्छे फल बनने के लिए पेड़ को पर्याप्त पोषण मिलना जरूरी है. मिट्टी की जांच कराएं और उसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे आवश्यक तत्वों की कमी हो तो सही मात्रा में खाद डालें. साथ ही, पौधों को नियमित रूप से पानी देते रहें, क्योंकि सूखा या कम सिंचाई भी फूल झड़ने की बड़ी वजह होती है.
कीट और रोगों से बचाव करें
फूलों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख कीटों में थ्रिप्स, माइट्स और एफिड्स (चूसक कीट) शामिल हैं. वहीं रोगों में ब्राउन रॉट और बैक्टीरियल कैंकर प्रमुख हैं, जो फूल झड़ने का कारण बनते हैं. समय-समय पर निरीक्षण करें और जरूरत पड़े तो जैविक या रासायनिक कीटनाशक और फफूंदनाशक का छिड़काव करें.
मौसम की मार से बचाव करें
तेज हवा, पाला या अचानक तापमान में गिरावट से भी फूल झड़ सकते हैं. इसके लिए खेतों के चारों ओर हवा रोकने वाले पौधे लगाएं या पाले से बचाने के लिए बाग के ऊपर नेट या प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल करें.