Paddy scam: उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 10 साल से फरार चल रहे एक आरोपी सुरेश शर्मा को दिल्ली के साकेत इलाके से गिरफ्तार किया है. सुरेश बुलंदशहर जिले के अलीपुर खालसा गांव का रहने वाला है और उस पर 2015 में पंजीकृत एक बड़े धान घोटाले में शामिल होने का आरोप है. उसके खिलाफ कोतवाली देहात थाने में IPC की कई धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल), और 120B (साजिश) के तहत केस दर्ज था.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोप है कि सुरेश शर्मा और उसके साथियों ने ‘सन्स एंड कंपनी’ के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाकर उत्तर प्रदेश सरकार से 2.94 करोड़ रुपये से ज्यादा का धान गलत तरीके से खरीदा और फिर फर्जी बिलों के जरिए उसे बेच दिया. EOW और लोकल पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे आखिरकार पकड़ लिया.
करीब 2 करोड़ रुपये का धान खरीदा था
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच में सामने आया है कि एक और कंपनी ‘बालाजी ट्रेडिंग कंपनी’ के मालिक महेश चंद शर्मा ने बुलंदशहर की अनाज मंडी से लगभग 2.16 रुपये करोड़ का धान खरीदा था. हालांकि सुरेश शर्मा इस कंपनी का आधिकारिक डायरेक्टर नहीं था, लेकिन उस पर फर्जी दस्तावेज बनाकर खुद को सरकारी खरीद एजेंसी के रूप में दिखाने का आरोप है. जांच में यह भी पता चला कि सुरेश शर्मा ने वीरकरण अवस्थी और ऋत्तिक अवस्थी के साथ मिलकर नकली अधिकृत पत्र बनाए थे, जिससे किसानों को भरोसा दिलाया जा सके कि वे अपनी फसल इन्हीं के जरिए बेचें.
कई दिनों से सुरेश शर्मा की तलाश कर रही थी पुलिस
आरोपियों ने करीब 3.30 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया और फिर फरार हो गए. EOW पिछले कई दिनों से सुरेश शर्मा की तलाश कर रही थी और आखिरकार उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. EOW के अधीक्षक राजीव दीक्षित की निगरानी में यह ऑपरेशन चलाया गया. इसमें अधिकारी धर्मेश कुमार, मनोज कुमार बिड़ला और विजय कांत शर्मा भी शामिल थे.
सटीक जानकारी के आधार पर कार्रवाई की गई
बयान में बताया गया कि सुरेश शर्मा की गिरफ्तारी तकनीकी निगरानी और अन्य एजेंसियों से मिली सटीक जानकारी के आधार पर की गई. फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है और आगे की जांच जारी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में धान खरीद में घोटाले को लेकर पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं. लेकिन सरकार तुरंत कार्रवाई कर मामले का पर्दाफाश कर देती है.