जब भी घर में पूजा होती है, तो कपूर जरूर जलाया जाता है. उसकी खुशबू न सिर्फ माहौल को पवित्र बना देती है, बल्कि मन को भी शांति देती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये छोटा-सा सफेद टुकड़ा, जिसे हम कपूर कहते हैं, आखिर बनता कैसे है? क्या ये मिट्टी से बनता है, या किसी तेल से? असल में कपूर एक खास पेड़ से बनता है, और इसका एक लंबा और दिलचस्प सफर होता है.
कपूर का पेड़
कपूर असल में एक पेड़ से बनता है, जिसका नाम है Cinnamomum camphora. इसे आम भाषा में कपूर का पेड़ कहा जाता है. यह पेड़ ज्यादातर चीन, जापान और ताइवान जैसे एशियाई देशों में पाया जाता है. इस पेड़ की छाल, लकड़ी और पत्तियों से कपूर निकाला जाता है.
पेड़ से कैसे निकाला जाता है कपूर?
कपूर निकालने की पारंपरिक विधि को आसवन विधि (Distillation Process) कहा जाता है. इसमें पेड़ की छाल या लकड़ी के टुकड़ों को गर्म किया जाता है, जिससे उसमें से भाप निकलती है. फिर इस भाप को ठंडा करके उसका सफेद पाउडर बनाया जाता है, यही होता है असली कपूर. इसे शुद्ध और प्राकृतिक कपूर माना जाता है.
फैक्ट्रियों में कैसे बनता है कपूर?
आजकल कपूर की मांग बहुत ज्यादा हो गई है, इसलिए इसे अब कृत्रिम (Synthetic) तरीके से भी बनाया जाता है. इस प्रोसेस में पेड़ की जरूरत नहीं होती, बल्कि तारपिन के तेल (Turpentine Oil) और कुछ रासायनिक तत्वों की मदद से कपूर बनाया जाता है. हालांकि इसका सुगंध और गुणवत्ता, असली पेड़ से बने कपूर जैसी नहीं होती.
कपूर सिर्फ पूजा के लिए नहीं है
कपूर का उपयोग सिर्फ पूजा में ही नहीं, बल्कि औषधियों, मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स, दर्द निवारक बाम, और यहां तक कि सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है. इसकी ठंडी तासीर और खुशबू इसे और भी खास बना देती है.