Milk Production: सर्दियों का मौसम आते ही दुधारू पशुओं की देखभाल और पोषण सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है. इन दिनों एक खास तरह की पशु चॉकलेट किसानों के बीच तेजी से चर्चा में है. देखने में ईंट जैसी इस चॉकलेट को बस पशुओं के सामने रख दीजिए, वे इसे चाटते रहते हैं और कुछ ही दिनों में दूध की मात्रा और गुणवत्ता में फर्क साफ नजर आने लगता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह चॉकलेट अब डेयरी किसानों के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं साबित हो रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह चॉकलेट सामान्य खाने वाली टॉफी नहीं, बल्कि पोषक तत्वों का खास मिश्रण है. इसे चोकर, चुनी, मिनरल मिक्स, विटामिन, नमक, खली और थोड़ी मात्रा में यूरिया मिलाकर तैयार किया जाता है. इस मिश्रण को मशीन से ईंट जैसे ठोस रूप में ढाला जाता है. पशु इसे धीरे-धीरे चाटते हैं, जिससे उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्व लगातार पहुंचते रहते हैं.
कैसे करती है असर?
इस चॉकलेट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पशु की पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है. जब पाचन सुधरता है तो चारा ठीक से पचता है और शरीर को पूरा पोषण मिलता है. पोषण सही मिलने से दूध बनाने वाली ग्रंथियां सक्रिय होती हैं, जिससे दूध की मात्रा बढ़ती है. सिर्फ मात्रा ही नहीं, दूध में फैट और एसएनएफ भी बेहतर हो जाता है.
किसानों के लिए क्यों है फायदेमंद?
सबसे खास बात यह है कि यह तरीका बेहद किफायती है. इसे एक बार बनाकर लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है और पशु इसे रोज चाटकर धीरे-धीरे खत्म करते हैं. इससे महंगे सप्लीमेंट, दवाओं और अतिरिक्त चारे की जरूरत कम पड़ती है. कई किसान बता रहे हैं कि इस चॉकलेट के इस्तेमाल से उनकी गाय-भैंसों में बीमारी भी कम होती है और शरीर पहले से ज्यादा तंदुरुस्त रहता है.
बढ़ रहा है उपयोग, किसानों की कमाई में बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह तकनीक डेयरी क्षेत्र में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. खासकर उन किसानों के लिए यह नुस्खा बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है जिनके पास संतुलित चारा देने की सुविधा नहीं है. नियमित रूप से इस चॉकलेट का सेवन करने वाले पशुओं में दूध का उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे किसानों की आमदनी पर भी सकारात्मक असर दिख रहा है. दुधारू पशु रखने वाले किसानों के लिए यह चॉकलेट एक नई उम्मीद बन गई है. बिना किसी जटिल प्रक्रिया और कम खर्च में दूध बढ़ाने का यह तरीका तेजी से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनाया जा रहा है. यदि यह प्रयोग और बड़े स्तर पर सफल रहता है, तो आने वाले समय में यह तकनीक डेयरी सेक्टर में बड़ी क्रांति ला सकती है.