Haryana News: हरियाणा में कृषि और किसान कल्याण विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर किसानों के लिए यूनिक किसान आईडी बनाने का काम शुरू किया है. यह काम केंद्र सरकार की एग्री स्टैक (Agri Stack) योजना के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य खेती को डिजिटल बनाना और किसानों को बेहतर सेवाएं देना है. एग्री स्टैक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो कृषि क्षेत्र के सभी हिस्सेदारों को जोड़ता है और डेटा आधारित सेवाओं के जरिए किसानों के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित करता है. राज्य के सभी डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर (DDA) को किसानों को किसान आईडी बनाने और इसके लंबे समय के फायदों के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.
पिछले तीन दिनों में पीएम-किसान पोर्टल पर पंजीकृत 20,35,496 किसानों में से 17,866 किसानों को एग्री स्टैक प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत किया गया. फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, करनाल, पंचकुला और नूह राज्य के ऐसे पांच जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा किसान रजिस्टर हुए. डॉ. वजीर सिंह, DDA करनाल के अनुसार, इस पहल से किसानों को एक ही सत्यापित डिजिटल पहचान के जरिए सरकारी योजनाओं और लाभों तक आसानी से पहुंच मिल सकेगी.
गांव स्तर पर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों की आईडी बनाने के लिए गांव स्तर पर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं. इसके लिए एक शेड्यूल तैयार किया गया है और जिले में रोजाना लगभग 55 कैंप चल रहे हैं. इन कैंपों में किसानों को जागरूक किया जा रहा है और रजिस्ट्रेशन व वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. सुनिश्चित करने के लिए कि काम सही तरीके से हो, कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारी मैदान पर तैनात हैं. किसान आईडी बनाने का काम मिशन मोड में चल रहा है. रिकॉर्ड ऑफ राइट्स के डेटा की प्रमाणीकरण और वेरिफिकेशन संबंधित पटवारी द्वारा की जाएगी.
बेहतर योजना और कार्यान्वयन में मदद करेगा
किसानों का कहना है कि भविष्य में पीएम-किसान की किस्तें, अन्य सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभ और कुछ राजस्व सेवाएं सीधे किसान आईडी से जुड़ सकती हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म राज्य और केंद्र सरकार दोनों को कृषि योजनाओं की बेहतर योजना और कार्यान्वयन में मदद करेगा.
इतने किसानों ने किया पंजीकरण
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पीएम-किसान पोर्टल पर पंजीकृत 20,35,496 किसानों में से शुक्रवार (26 दिसंबर) तक 41,139 किसान एग्री स्टैक प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो चुके हैं. यह पंजीकरण अभियान अभी शुरुआती चरण में है और जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी और गांव स्तर पर और कैंप आयोजित होंगे, यह तेजी से आगे बढ़ेगा.