बरसात में उकठा रोग की चपेट में आ रही अमरूद की फसल, किसान बचाव के लिए करें ये उपाय

किसानों को अगर अमरूद की फसल में उकठा रोग का असर दिखे तो सबसे पहले संक्रमिक हिस्से को तुरंत काट कर हटा दें ताकि ये आगे फैल कर अन्य हिस्सों को प्रभावित न कर सकें.

नोएडा | Updated On: 27 Jul, 2025 | 08:16 PM

मॉनसून सीजन की शुरुआत होते ही किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई कर चुके हैं. एक ओर जहां बरसात कई तरह की फसलों के लिए वरदान साबित हो रही है वहीं कुछ फसलें ऐसी भी हैं जिनपर बारिश के मौसम में फसलों में कीट और फफूंद लगने लगते हैं. खासकर बागवानी कर रहे किसान के लिए बारिश का मौसम काफी चुनौतीपूर्ण होता है. इस मौसम में पौधे कई तरह के रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं. जैसे की इस मौसम में अमरुद के पौधों में उकठा रोग हो जाता है. उकठा रोग जिसे अमरुद का कैंसर भी कहा जाता है. जिसके कारण फसल पूरे तरीके से बर्बाद हो जाती है. ऐसे में जो किसान अमरुद की बागवानी कर रहे हैं उनके लिए उकठा रोग के लक्ष्ण और बचाव को जानना बेहद जरुरी है. ताकि समय रहते अमरूद की फसल को बचाया जा सके.

क्या होता है उकठा रोग

बरसात के मौसम में अमरुद में उकठा रोग का संक्रमण हो जाना आम बात है. बता दें कि इसे अमरुद का कैंसर भी कहते हैं. अमरूद के पौधों में यह रोग सफेद फफंदू की वजह से आता है. यह रोग सबसे पहले पौधों की जड़ों को प्रभावित करता है जिसके कारण पेड़ को पर्याप्त पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते हैं. इसके बाद आगे चलकर इस रोग के कारण पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और सूखकर नष्ट हो जाती हैं. ऐसा होने पर न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानो को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

अमरूद के पेड़ नष्ट हो जाते हैं

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उकठा रोग से अमरुद के पेड़ों में शुरुआती दिनों में पेड़ के निचले हिस्से की पत्तियां पीली पड़ जाती है. धीरे-धीरे एक शाखा प्रभावित होती है. इसके बाद शाखाएं सूखने लगती है और पेड़ की छाल भी फट जाती है और ध्यान नहीं दिया गया तो पेड़ सूख कर गिर जाता है. हालंकि अगर किसान समय रहते इस रोग से फसल का बचाव कर लें तो नुकसान होने से बचा जा सकता है.

बचाव के लिए करें ये उपाय

किसानो को अगर अमरूद की फसल में उकठा रोग का असर दिखे तो सबसे पहले संक्रमिक हिस्से को तुरंत काट कर हटा दें ताकि ये आगे फैल कर अन्य हिस्सों को प्रभावित न कर सकें. अगर पौधा पूरी तरह से संक्रमित हो गया हो तो उसे जड़ सहित निकाल कर नष्ट कर दें. इसके बाद 2 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड को प्रति लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें और इस घोल को अमरुद के पौधे की जड़ों में डाल दें. इसके अलावा पौधों की नियमित रूप से देखभाल करने पर उकठा रोग के संक्रमण से बचाया जा सकता है.

Published: 27 Jul, 2025 | 10:35 PM