सोयाबीन कटाई का समय आ गया है, लेकिन इस बार मौसम किसान भाइयों के लिए चुनौती बनकर खड़ा है. लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल या कटी हुई फलियां खराब होने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में इंदौर स्थित ICAR- नेशनल सोयाबीन रिसर्च इंस्टीट्यूट (NSRI) ने पूरे देश के सोया किसानों के लिए एक खास साप्ताहिक सलाह (Advisory) जारी की है. अगर किसान सिर्फ इन कुछ उपायों का पालन कर लें, तो ना केवल खराबी से बच सकते हैं, बल्कि बीज की गुणवत्ता भी बरकरार रख सकते हैं. तो आइए समझते हैं कैसे बारिश में भी आपका सोना-बराबर सोयाबीन सुरक्षित रहेगा.
कटाई में देर नहीं करें, वरना चटक जाएगी मेहनत
ICAR का साफ कहना है कि परिपक्व फसल को खेत में ज्यादा देर तक खड़ा छोड़ना सबसे बड़ी गलती है. बारिश जारी रही तो फलियां चटक सकती हैं या उनमें ही बीज अंकुरित होने लगते हैं, जिससे बेचते समय रेट आधे रह जाते हैं. इसलिए जैसे ही फसल पक जाए, तुरंत कटाई कर लें, चाहे मौसम थोड़ा अस्थिर ही क्यों न हो.
कटाई के बाद धूप दिखाना जरूरी
कई किसान कटाई के बाद फसल को एक जगह ढेर लगाकर छोड़ देते हैं, जिससे अंदर की फलियों में नमी बनी रहती है और बीज सड़ने या फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है. ICAR की सलाह है कि कटाई के तुरंत बाद फसल को खुले मैदान में पतली परत में फैलाएं, ताकि हर हिस्सा समान रूप से धूप ले सके. इससे न केवल सीलन दूर होती है बल्कि बीज की चमक और गुणवत्ता भी बनी रहती है. अगर धूप उपलब्ध न हो तो तिरपाल या मोटी प्लास्टिक शीट तैयार रखें, ताकि बारिश होते ही तुरंत ढककर फसल को सुरक्षित किया जा सके. थोड़ी सी सावधानी आपकी पूरी मेहनत को बचा सकती है.
थ्रेसिंग (गहाई) में भी होती है सबसे बड़ी चूक!
बीज की गुणवत्ता वहीं खराब होती है- जहां गहाई तेज RPM में की जाती है. ICAR का सुझाव है कि थ्रेसिंग 350 से 400 RPM की स्पीड पर ही करें. इससे बीजों में दरार या टूट-फूट नहीं होती, और अगर किसान अगली बार बीज के रूप में रखना चाहें तो अंकुरण भी बेहतर रहेगा.
पूरा साल की कमाई खतरे में
कई किसान यह समझते हैं कि कटाई के बाद फसल को बोरी में भरकर कोने में रख देना ही पर्याप्त है, जबकि यही सबसे बड़ी गलती होती है. ICAR के अनुसार सोयाबीन को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण बेहद महत्वपूर्ण चरण है. भंडारघर हमेशा ठंडा, सूखा और हवादार होना चाहिए. बोरियों को कभी भी सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि लकड़ी के पटियों या पैलेट पर ऊंचा करके रखें, ताकि नमी नीचे से बीज तक न पहुंचे. अगर जगह कम है और बोरियां एक के ऊपर एक रखनी पड़ें, तो ध्यान रखें कि तीन या चार से अधिक परत न लगाएं. इससे हवा का संचार बना रहेगा और बीज की गुणवत्ता एवं अंकुरण क्षमता लंबे समय तक सुरक्षित रहेगी.