Mushroom Farming : सर्दियों में मशरूम की खेती करना आसान नहीं होता. ठंडी हवा और गिरता तापमान इस नाजुक फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. कई बार मेहनत से तैयार किए गए बैग अचानक गलने लगते हैं और देखते ही देखते पूरी फसल खराब होने लगती है. यही वजह है कि इस मौसम में मशरूम उगाने वाले किसानों की चिंता बढ़ जाती है. लेकिन अगर कुछ सरल उपाय समय रहते अपना लिए जाएं, तो पूरी फसल को बचाया जा सकता है और प्रोडक्शन भी बढ़ाया जा सकता है. विशेषज्ञों के बताए तरीके न सिर्फ गलन रोकते हैं, बल्कि ठंड में कमरे का माहौल भी फसल के अनुकूल बनाए रखते हैं.
सर्दियों में मशरूम गलने की सबसे बड़ी वजह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठंड बढ़ते ही मशरूम वाले कमरे का तापमान तेजी से नीचे गिर जाता है. मशरूम की फसल इतनी कम तापमान सहन नहीं कर पाती, जिससे बैगों के अंदर नमी बढ़ने लगती है. नमी बढ़ते ही बैग धीरे-धीरे नरम होने लगते हैं और उनमें गलन शुरू हो जाती है. यह गलन सिर्फ एक बैग तक सीमित नहीं रहती, बल्कि धीरे-धीरे आसपास के बैगों तक फैल जाती है. यही वजह है कि सर्दियों में मशरूम की खेती करने वाले किसानों के लिए यह समस्या सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है और समय पर ध्यान न देने पर पूरी फसल खराब हो सकती है.
अधिक पानी गलन को बढ़ाता है
मशरूम बैगों पर पानी का हल्का छिड़काव जरूरी होता है, लेकिन ज्यादा पानी सबसे बड़ी गलती है. ज्यादा पानी बैग के अंदर फंस जाता है और नमी बनाकर गलन तेज करता है. ठंड में बैग जल्दी सूखते नहीं, इसलिए पानी हमेशा कम मात्रा में और छिड़काव के रूप में ही करें.
सफाई से रुकती है गलन की रफ्तार
मशरूम काटने के बाद बचे हुए अवशेष कमरे में बिल्कुल न छोड़ें. ये नमी पाकर जल्दी सड़ते हैं और कमरे में बैक्टीरिया बढ़ा देते हैं. यही बैक्टीरिया बैगों में गलन बढ़ाते हैं. इसलिए फसल निकालते ही कमरे की सफाई करें और अवशेष तुरंत बाहर फेंक दें.
सल्फर, चूना और गर्माहट का जादू
अगर गलन शुरू हो चुकी है तो सल्फर और बुझा हुआ चूना बहुत असरदार साबित होता है. हल्के घोल का छिड़काव करने से बैग में गर्माहट पैदा होती है और गलन रुकने लगती है. अगर गलन ज्यादा हो तो कमरे का तापमान बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए किसान हल्के बल्ब, धुआं-रहित अंगीठी या ब्लोअर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे कमरे का तापमान 15-18 डिग्री के बीच बना रहता है और फसल सुरक्षित रहती है.