इस मॉनसून सीजन में भयंकर बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के किसानों की फसलों को बाढ़ ने अपनी चपेट में लेकर बर्बाद कर दिया है. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के जिलों में सर्वाधिक नुकसान का आकलन किया गया है, जिसके बाद आज राज्य सरकार ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो किसानों के खाते में भेजे जा रहे हैं.
फसल नुकसान की भरपाई के लिए 1500 करोड़ का आवंटन
महाराष्ट्र कृषि विभाग के अनुसार राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल मई से अगस्त के बीच भारी बारिश के कारण फसल नुकसान झेलने वाले किसानों को सहायता राशि वितरित करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. मराठवाड़ा रीजन के संभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया कि राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में मई से अगस्त तक फसल नुकसान झेलने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.
आयुक्त बोले- सीधे किसानों के खाते में भेजी जा रही राशि
आयुक्त ने कहा कि किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गई है और यह राशि सीधे प्रभावित किसानों के खातों में भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रभावित किसानों की सूची पोर्टल पर तुरंत अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस समय हमारी प्राथमिकता किसानों को मुआवजा देने के अलावा, पिछले हफ्ते हुई बारिश के कारण जान गंवाने वालों, अपने जानवरों और घरों को खोने वालों के परिजनों की मदद करना है.
- PM Kisan Yojana के लाभार्थियों को एडवांस में मिलेंगे 2000 रुपये, जानिए किस्त जारी करने के लिए मंत्रालय ने क्या कहा
- हल्दी, करौंदा की खेती पर सरकार दे रही 10 हजार रुपये, स्प्रिंकलर लगवाने पर 90 फीसदी सब्सिडी पाएं किसान
- यमुना और हिंडन की बाढ़ में अभी भी डूबे दर्जनों गांव, गन्ना में बीमारी लग रही.. गेहूं बुवाई में देरी की चिंता
83 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर खड़ी फसलें चौपट हुईं
बीते 20 सितंबर से मराठवाड़ा में भारी बारिश और उफनती नदियों ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. बाढ़ ने राज्य के कुछ हिस्सों, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र में लाखों एकड़ में लगी फसलों को नष्ट कर दिया है. महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने 83.77 लाख एकड़ जमीन पर लगी फसलों को तबाह कर दिया है. छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, धाराशिव, जालना और अन्य जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई.
फसल नुकसान का 80 फीसदी सर्वे पूरा हो चुका
बाढ़ से फसल नुकसान के अलावा क्षेत्र को बुनियादी ढांचे से संबंधित नुकसान भी हुआ है. फसल नुकसान का 80 प्रतिशत सर्वेक्षण अब पूरा हो चुका है. बाकी 20 फीसदी सर्वे रिपोर्ट कुछ दिनों में कृषि विभाग को सौंप दी जाएगी. अधिकारियों के अनुसार चालू मानसून के दौरान अब तक महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 8 जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 86 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य हाल ही में आई बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने को भी प्राथमिकता दे रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हम आकलन कार्य कर रहे हैं.