एक-दो किलो नहीं पूरे 8 टन भगवा अनार चोरी, सदमे में किसान और सकते में पुलिस.. बड़े चोर गैंग पर शक

बाग से फलों की चोरी के अचंभित कर देने वाली घटनाओं ने किसानों को सदमे में पहुंचा दिया है तो वहीं पुलिस सकते में है. दो महीनों के अंतराल में कई बार बागों से महंगी कीमत पर बिकने वाला अनार चोरी होने की घटना से हड़कंप मचा हुआ है. चोरी में किसी बड़े गैंग का हाथ होने का शक पुलिस जता रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 23 Nov, 2025 | 03:02 PM

पेड़ों से फलों को तोड़कर खाने या मामूली चोरी के मामले तो आपने सुने होंगे. लेकिन, महाराष्ट्र के पुणे में बाग से पेड़ों में लगे लोकप्रिय किस्म के 8 टन टन भगवा अनार चोरी हो गए हैं. अलग-अलग घटनाओं में पेड़ों से फलों के चोरी होने से किसान सदमे में हैं, जबकि पुलिस प्रशासन के होश उड़े हुए हैं, क्योंकि इलाके में यह अनार चोरी की पहली घटना नहीं है. पुलिस ने कहा कि इसमें बड़े गैंग का हाथ है. बता दें कि भगवा अनार प्रीमियम किस्म होता और इसे महंगे दामों में विदेशों में बिक्री किया जाता है. कहा जा रहा है कि इस ऊंची बाजार कीमत की वजह से इसे चुराया गया है.

शिंदोड़ी गांव के बाग से 4.5 टन कीमती अनार चोरी

महाराष्ट्र में अनार चोरी होने का अजीब मामला किसानों को हैरान कर रहा है. पुणे के शिरुर तालुका के शिंदोडी गांव में तीन तरफ से चिंचोली डैम के पानी से घिरा होने के बावजूद बाग से अनार चोरी की घटना ने बाग मालिक 50 वर्षीय शाहजी वालुंज को सकते में डाल दिया है. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार तीन एकड़ के बगीचे से 4.5 टन बढ़िया क्वालिटी के भगवा अनार की चोरी ने किसान वालुंज और उनके गांव वालों को हैरान करके रख दिया है.

क्यों बार बार चोरी किया जा रहा भगवा अनार

अनार चोरी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले जुलाई और अगस्त में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के संगोला से लेकर अहिल्यानगर के श्रीरामपुर और नासिक के देओला तक इन बड़े साइज़ के महंगे अनारों की बड़ी मात्रा में एक साथ चोरी के मामले सामने आ चुके हैं. पुलिस और किसानों का कहना है कि इन चोरियों का साफ कारण इस फल की बढ़ती कीमतें हैं.

भगवा अनार को भारतीय किस्मों का रत्न माना जाता है, यह एक शानदार फल है जिसका छिलका केसरिया-लाल होता है और इसका अरील गहरे रूबी रंग का होता है, जो बीज को ढकने वाली रसदार थैली होती है. शिंदोडी मामले में दर्ज FIR में फल की कीमत 100 रुपये प्रति किलो बताई गई है, जिससे चोरी हुए फल की कुल कीमत 4.5 लाख रुपये आंकी गई है, लेकिन वालुंज परिवार को यकीन है कि फल होलसेल में 200 रुपये प्रति किलो और रिटेल में 300 रुपये प्रति किलो बिकता है.

पीड़ित किसान और भतीजे ने बताई चोरी की घटना

किसान वालुंज के अनुसार जब फसल चोरी हुई, तब वह सात महीने पुरानी थी और कटाई के लिए तैयार थी. इसके पीछे मेरे परिवार की सात महीने की कड़ी मेहनत और देखभाल, समय और पैसा लगा था. 1 जुलाई की रात, सभी पेड़ फलों से लदे हुए थे, अगली सुबह, सबसे अच्छे फल गायब हो गए थे.

किसान वालुंज के भतीजे ऋषिकेश ने कहा कि प्रीमियम ग्रेड के फलों की मांग बढ़ गई है. ज्यादा इनपुट, ट्रांसपोर्ट और मार्केट कॉस्ट ने कीमतों को और बढ़ा दिया है. इस साल होलसेल और रिटेल मार्केट में अनार की कीमतें पिछले साल के रेट से लगभग दोगुनी हो गईं, जो कई सालों में सबसे ज्यादा हैं. यह उछाल बेमौसम और भारी बारिश, उसके बाद बीमारियों के फैलने और फूल आने के साइकिल में रुकावट की वजह से सप्लाई में कमी के कारण है, जिससे पैदावार और क्वालिटी दोनों कम हो गई. ऋषिकेश ने कहा कि होलसेल मार्केट में अनार 180-200 रुपये प्रति किलो मिलता है, रिटेल में और शहरों में होम डिलीवरी ऐप पर तो और भी ज्यादा है.

पड़ोस के गांव वाले फल की तुड़ाई होने तक इलाके का चक्कर लगाते रहते थे. हम अनार को मार्केट में 300 रुपये प्रति किलो बेच रहे थे, तभी वह चोरी हो गया. एक रात में मुझे 8-9 लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा.

दिघी गांव के किसान के 7 लाख कीमत के फल चुरा ले गए

श्रीरामपुर तालुका के दिघी गांव के सतीश कुंडलिक जाधव (41) ने भी जुलाई में रातों-रात 3.5 टन फल खो दिए, जिनकी कीमत 7 लाख रुपये थी. उन्होंने कहा कि चोरों के हाथों ज्यादातर फसल बर्बाद होने के बाद, तेंदुओं की मौजूदगी के कारण हमारी रात की निगरानी भी डरावनी थी. जाधव ने कहा कि अनार के बाग में हमेशा एक या दो तेंदुए छिपे रहते हैं. शिरूर में वालुंज परिवार ने भी कई तेंदुए देखे जाने की बात कही है.

खरीद के लिए व्यापारी आए तो चोरियां हुईं, बड़े गैंग शामिल होने आशंका

किसान बताते हैं कि चोरी की घटनाएं फसल कटने में एक हफ्ते से भी कम समय में हुईं, जब महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों और झारखंड, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के थोक व्यापारी अपने मजदूरों की टीमों के साथ इलाके में आए थे.

अभी तक उनकी जांच में कोई बड़ी सफलता नहीं मिलने के कारण, पुलिस का मानना ​​है कि इन चोरियों के पीछे बड़े गैंग हैं. पुणे ग्रामीण पुलिस के अनुसार जुलाई में शिरूर में चोरी के ऐसे दो मामले दर्ज किए गए, जिनमें अब तक एक गिरफ्तारी हुई है. शिरुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज इंस्पेक्टर संदेश केंजले ने कहा हमने देखा है कि जब प्याज की कीमतें बढ़ती हैं, तो काटे गए और स्टोर किए गए प्याज की चोरी बढ़ जाती है. अनार के साथ भी ऐसा ही हुआ है. हमें लगता है कि ये चोरियां बड़े गैंग ने की हैं जिन्हें फसल और उसके मार्केट की अच्छी जानकारी है. हमने एक सस्पेक्ट को गिरफ्तार किया है लेकिन हम अभी भी इन गैंग को पकड़ने के लिए कुछ सुराग ढूंढ रहे हैं.

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Published: 23 Nov, 2025 | 03:01 PM

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