Cattle Farming: आज के समय में जब नौकरी और छोटी-मोटी दुकानों से कमाई करना मुश्किल हो गया है, तब गांव की कई महिलाएं और किसान एक पुराने लेकिन फायदेमंद धंधे की तरफ लौट रहे हैं- वो है भैंस पालन. पशुपालन को अब सिर्फ घर चलाने का सहारा नहीं, बल्कि एक कमाई वाला कारोबार माना जाने लगा है. दूध, दही, घी, गोबर और बछड़े-हर चीज से पैसा कमाया जा सकता है. यही वजह है कि आज भैंस पालना सिर्फ परंपरा नहीं, स्मार्ट इनकम का जरिया बन गया है.
रोजाना की कमाई देता है भैंस पालन
भैंस पालन का सबसे बड़ा फायदा है इसकी लगातार आमदनी. हर दिन भैंस से दूध निकलता है जिसे बाजार में बेच सकते हैं या घर में इस्तेमाल कर सकते हैं. दूध से दही, मट्ठा, घी और मक्खन जैसी चीजें भी बनती हैं, जिनकी बाजार में हमेशा मांग रहती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐसा काम है जिसमें नुकसान की कोई गुंजाइश नहीं होती, क्योंकि दूध रोज बिकता है और पैसे रोज मिलते हैं. शुरुआत में भले कुछ खर्च करना पड़े, लेकिन एक बार दूध निकलना शुरू हुआ, तो कमाई लगातार चलती है.
दूध ही नहीं, गोबर से भी होती है अच्छी कमाई
भैंस का गोबर भी पैसा कमाने का जरिया है. ग्रामीण इलाकों में अब भी लोग गोबर के कंडे बनाकर बेचते हैं, जो ईंधन के रूप में इस्तेमाल होते हैं और अच्छे दाम में बिकते हैं. इसके अलावा, गोबर से जैविक खाद भी बनाई जा सकती है जो खेतों में डालने से फसल की उपज बढ़ती है और केमिकल वाले खादों की जरूरत कम हो जाती है. यानि एक ही भैंस से दूध और गोबर दोनों से कमाई होती है, और खेती के लिए भी मदद मिलती है.
बछड़ों से भी मिलती है एकमुश्त आमदनी
भैंस के बछड़े भी किसान के लिए कमाई का जरिया बन सकते हैं. जब भैंस बच्चे देती है तो उसमें से कई बार नर बछड़े होते हैं जिन्हें कुछ समय बाद बेचा जा सकता है. इनकी अच्छी कीमत मिलती है और एकमुश्त पैसा हाथ में आता है, जिससे घर के बड़े खर्च जैसे बच्चों की पढ़ाई या शादी आदि निपटाए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई बार तो बछड़ा बेचने से इतना पैसा मिल जाता है जितना कई महीनों में दूध से नहीं मिलता.
देखभाल से ही मिलता है असली फायदा
भैंस पालन में सिर्फ भैंस लाना ही काफी नहीं है, उसकी देखभाल भी जरूरी है. भैंस को साफ-सुथरी, हवादार और सूखी जगह पर रखना चाहिए ताकि वो बीमार न पड़े. हर दिन समय पर चारा और दाना देना जरूरी है. गर्मियों में ठंडक और सर्दियों में गर्मी का इंतजाम करना चाहिए. भैंस को स्वच्छ पानी हमेशा मिलना चाहिए, क्योंकि गंदा पानी पीने से दूध की मात्रा कम हो जाती है. कई बार उन्हें खेत या जंगल में चराने भी ले जाना पड़ता है. अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो भैंस सालों तक अच्छा दूध देती है और लंबे समय तक कमाई का जरिया बनी रहती है.
गांव की महिलाएं बदल रही हैं अपनी तकदीर
आज गांव की कई महिलाएं जो पहले सिर्फ घर संभालती थीं, अब भैंस पालकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. वे न सिर्फ दूध बेचकर पैसा कमा रही हैं, बल्कि दूध से बने उत्पाद भी तैयार करके बाजार में बेच रही हैं. पशुपालन विभाग और सरकारी योजनाएं भी इस काम में महिलाओं की मदद कर रही हैं- उन्हें ट्रेनिंग, लोन और सब्सिडी भी दी जा रही है.
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