Monsoon 2025: बारिश और बाढ़ से 3 राज्यों में भारी तबाही, लाखों एकड़ फसल बर्बाद, बह गए सैकड़ों मवेशी.. हजारों करोड़ का नुकसान

2025 में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जन-धन और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. सैकड़ों मवेशी मारे गए और लाखों एकड़ फसलें बर्बाद हुईं. पंजाब को 13,289 करोड़ और हिमाचल को 4,582 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Sep, 2025 | 03:52 PM

Flood 2025: इस साल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. इससे फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा. सैकड़ों की संख्या में मवेशी और इंसानों की मौत हो गई है. अकेले पंजाब में 4 लाख एकड़ से अधिक रकबे में धान सहित कई खरीफ फसलों की बर्बादी हुई है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश को करोड़ों रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है. राहत पैकेज को किसान और राज्य सरकारें प्रयाप्त नहीं मान रहे हैं. तो आइए जानते हैं इन राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से कितनी तबाही हुई.

अगर बात पंजाब की करें तो बाढ़ से किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. पशुपालन विभाग  के अनुसार, बाढ़ से राज्य में 3.60 लाख पशु प्रभावित हुए हैं. इनमें से 534 मवेशियों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा हजारों मुर्गियां, बकरियां, घोड़े और बछड़े भी मारे गए हैं. पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी का कहना है कि अब तक की रिपोर्ट के अनुसार 373 मवेशी लापता हैं. माना जा रहा है कि ये पाकिस्तान की ओर बह गए हैं और उनका बच पाना संभव नहीं है. इन्हें मृत मान लिया गया है. अंतिम जांच के बाद मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा.

पशुपालकों को मिलेगा मुआवजा

आपदा प्रबंधन नियमों के तहत, दूध देने वाले हर जानवर के लिए 37,500 रुपये का मुआवजा  तय है. अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में पशुधन की जनगणना हुई थी, जिसमें पंजाब में कुल 68.03 लाख पशु दर्ज किए गए थे. इनमें 22.99 लाख गाय और 34.93 लाख भैंसें थीं. अब इसी डेटा के आधार पर नुकसान की पुष्टि की जा रही है और मुआवजा दिया जाएगा.

बाढ़ से करीब 4.81 लाख एकड़ में खड़ी फसलें खराब

पंजाब सरकार ने बाढ़ के पानी उतरने के बाद पूरे राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफाई अभियान  शुरू कर दिया है, ताकि बीमारियों के फैलने से रोका जा सके. इसके लिए सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस अभिनयान में खेतों से नदी की लाई हुई गाद हटाने, गांवों के तालाबों की सफाई, मेडिकल कैंप लगाने और पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाने की योजना शामिल है. ऐसे राज्य में बाढ़ से करीब 4.81 लाख एकड़ में खड़ी फसलें खराब हो गई हैं और बड़ी मात्रा में जमीन पर गाद जमा हो गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ का असर 713 गांवों में पड़ा है और लगभग 2.53 लाख पशु प्रभावित हुए हैं. कई मवेशी या तो बह गए हैं या मर गए हैं. पशुपालन विभाग ने बकरी, गाय और भैंस जैसे पशुओं को हेमरेजिक सेप्टीसीमिया (HS) से बचाने के लिए फ्री बूस्टर डोज देने का फैसला किया है. यह टीकाकरण 30 सितंबर तक पूरा किया जाएगा.

पंजाब को मिली 1600 करोड़ रुपये की राहत मदद

पंजाब सरकार ने भयंकर बाढ़ से राज्य को करीब 13,289 करोड़ के नुकसान होने का अनुमान लगाया है. यह आंकड़ा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की दो अंतर-मंत्रालयी टीमों के सामने पेश किया है. खास बात यह है कि धान, गन्ना और कपास सहित कई फसलों की बड़े स्तर पर बर्बादी हुई है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए हाल ही में 1600 करोड़ रुपये की विशेष राहत पैकेज ऐलान किया था. साथ ही राज्य सरकार ने भी किसानों को 20 हजार रुपये आर्थिक मदद देने की बात कही है.

हिमाचल में 417 लोगों की मौत और 4,582 करोड़ रुपये का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में इस साल बारिश और भूस्खलन  ने भारी तबाही मचाई है. अब तक 417 लोगों की मौत और 4,582 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य को कुल मिलाकर 4,582 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. खास बात यह है कि इस बार भूस्खलन की चपेट में आने से कई सेब के बागान नष्ट हो गए. साथ ही धान सहित कई फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री का कहना है कि इस महीने राज्य में 136 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है और पूरे मॉनसून सीजन में 45 फीसदीअधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है. अब तक राज्य में 15,022 ढांचागत नुकसान के मामले सामने आए हैं, जिनमें 1,502 पूरी तरह क्षतिग्रस्त घर, 6,467 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घर, 6,316 गोशालाएं और 594 दुकानें शामिल हैं. वहीं, पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये की विशेष राहत पैकेज दी है.

हरियाणा में 1509 किस्म धान को सबसे ज्यादा नुकसान

हरियाणा में भी बारिश और बाढ़ से फसल की बहुत अधिक बर्बादी हुई है. ऐसे हरियाणा में इस साल 566.6 मिमी बारिश हुई है, जो कि सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा है. खास बात यह है कि बाढ़ से 1509 किस्म धान को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. अंबाला में धान की शुरुआती कटाई की रिपोर्ट में प्रति एकड़ 10 क्विंटल तक पैदावार में गिरावट देखी गई है. हालांकि पिछले साल औसतन 34 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार होती थी, लेकिन इस बार कई इलाकों में यह घटकर 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ रह गई है. e-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5.27 लाख किसानों ने 6,390 गांवों से कुल 30.95 लाख एकड़ भूमि का नुकसान दर्ज कराया है. ये आंकड़े राज्य के सभी 23 जिलों से आए हैं. सरकार का कहना है कि गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

Published: 20 Sep, 2025 | 03:44 PM

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