राशन कार्ड के लाभार्थियों को मिलेगा बेहतरीन क्वालिटी का अनाज, मोटे चावल की सप्लाई बंद

तेलंगाना में राशन दुकानों पर फाइन चावल शुरू होने के बाद गोदामों में 1 लाख टन से ज्यादा मोटा चावल बचा है. सरकार इसे निकालने के विकल्प तलाश रही है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 22 Jun, 2025 | 02:19 PM

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने मई से राशन कार्ड धारकों को फाइन (अच्छी क्वालिटी) चावल बांटना शुरू कर दिया है, लेकिन अब सरकारी गोदामों में 1 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा मोटे चावल (कोर्स राइस) का स्टॉक बचा हुआ है. अप्रैल से राशन दुकानों में मोटे चावल की सप्लाई बंद कर दी गई थी, जिससे अब इस स्टॉक को निकालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच, सिविल सप्लाई विभाग के कमिश्नर डीएस चौहान के नेतृत्व में खरीफ सीजन में रिकॉर्ड पैमाने पर धान की खरीद हुई है. अब तक कुल 75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है, जिसमें 24 लाख मीट्रिक टन फाइन और 51 लाख मीट्रिक टन मोटा चावल है. मुसीबत यह है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) भी अपना अतिरिक्त मोटा चावल बेचने में जुटा है और कई राज्यों में धान की अच्छी पैदावार हुई है.

छत्तीसगढ़ 1800 रुपये क्विंटल धान बेचने को तैयार

छत्तीसगढ़ तो 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान बेचने को तैयार है. ऐसे में तेलंगाना सरकार अब अपने पास बचे हुए मोटे चावल को बेचने के लिए अलग-अलग विकल्प तलाश रही है, जिसमें रबी सीजन का चावल भी शामिल है. हालांकि, सिविल सप्लाई कमिश्नर डीएस चौहान का कहना है कि बचे हुए मोटे चावल के स्टॉक को हटाना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि यह गोदामों, मंडल स्तर के स्टॉक प्वाइंट्स और राशन दुकानों में सुरक्षित तरीके से रखा गया है. उन्होंने कहा कि हम सभी संबंधित विभागों और पार्टनर्स के साथ मिलकर इस स्टॉक को निकालने की योजना पर काम कर रहे हैं.

35 लाख मीट्रिक टन चावल निकलेगा

चौहान के मुताबिक, 51 लाख मीट्रिक टन मोटे धान की कुटाई (मिलिंग) के बाद करीब 35 लाख मीट्रिक टन चावल ही निकलेगा. सूत्रों के अनुसार, हालांकि FCI (भारतीय खाद्य निगम) अभी अपने अतिरिक्त स्टॉक बेच रहा है, लेकिन वह खरीफ फसल के लिए तेलंगाना से कितना मोटा चावल खरीदेगा, यह उसकी मांग (इंडेंट) पर तय होगा.

निगरानी गाइडलाइंस बनाने की प्रक्रिया शुरू

इस बीच, राज्य सरकार डायरेक्ट सेलिंग (प्रत्यक्ष बिक्री) सेक्टर के लिए राज्य स्तर की निगरानी गाइडलाइंस बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. उपभोक्ता मामलों, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को इसका नोडल विभाग बनाया गया है और सिविल सप्लाई कमिश्नर डीएस चौहान को निगरानी और अमल के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. ये गाइडलाइंस केंद्र सरकार की ओर से जारी Consumer Protection (Direct Selling) Rules, 2021 के अनुरूप तैयार की जाएंगी, ताकि व्यापार में पारदर्शिता बनी रहे, उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित हो और किसी तरह का शोषण न हो.

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Published: 22 Jun, 2025 | 02:14 PM

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