Job in Dairy: गाय-भैंस बनेंगी रोजगार मशीन, डेयरी से लाखों युवाओं की बदलेगी किस्मत

देश में डेयरी और लाइव स्टॉक सेक्टर तेजी से रोजगार और निवेश का बड़ा जरिया बन रहा है. फूड सेक्टर का बाजार लगातार बढ़ रहा है. दूध उत्पादन बढ़ाने और चारे की कमी दूर करने से आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को गांवों में ही काम मिल सकता है और निवेश के नए अवसर बनेंगे.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 29 Dec, 2025 | 03:59 PM
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Job in Dairy: आज के समय में अगर किसी सेक्टर को रोजगार की नई फैक्ट्री कहा जाए, तो वह डेयरी सेक्टर है. गांवों में दूध, दही और पशुपालन पहले से ही जीवन का हिस्सा रहे हैं, लेकिन अब यही काम बड़े स्तर पर नौकरियों और निवेश का जरिया बनते जा रहे हैं. देश में खाने-पीने से जुड़ा बाजार तेजी से फैल रहा है और आने वाले वर्षों में डेयरी से लाखों युवाओं को काम मिल सकता है.

तेजी से बढ़ रहा है फूड और डेयरी का बाजार

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश में खाने-पीने के सामान का बाजार इस समय करीब 50 लाख करोड़ रुपये का है. इसमें अनाज के साथ-साथ डेयरी  और लाइव स्टॉक का बड़ा हिस्सा शामिल है. अच्छी बात यह है कि अगले सात साल में यह बाजार 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. फिलहाल यह सेक्टर 12 से 14 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है, जबकि डेयरी और लाइव स्टॉक इससे भी तेज आगे बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि इसे भविष्य का सबसे मजबूत रोजगार सेक्टर माना जा रहा है.

दो काम, जिनसे खुलेंगे लाखों रोजगार

अगर डेयरी सेक्टर में दो अहम कामों पर सही तरीके से ध्यान दिया जाए, तो आने वाले समय में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 72 लाख से अधिक नौकरियां और करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश संभव है. पहला जरूरी कदम है प्रति पशु दूध उत्पादन  बढ़ाना. जब एक पशु ज्यादा दूध देगा, तो दूध संग्रह, ठंडा रखने, प्रोसेसिंग और बिक्री जैसे कामों में रोजगार के मौके बढ़ेंगे. दूसरा बड़ा मुद्दा है चारे की कमी. फिलहाल देश में करीब एक तिहाई चारे की कमी  बताई जा रही है, जो डेयरी की सबसे बड़ी चुनौती है. अगर इस कमी को दूर किया जाए, तो पशुपालन ज्यादा लाभकारी बनेगा और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.

दूध बढ़ा तो गांव में बढ़ेगा रोजगार

डेयरी सेक्टर की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इससे पैदा होने वाला ज्यादातर रोजगार गांवों में ही मिलता है. एक अनुमान बताता है कि अगर रोजाना एक लाख लीटर दूध का प्रोसेसिंग होती है, तो करीब छह हजार लोगों के लिए नौकरी और कारोबार के अवसर बनते हैं. इनमें से लगभग पांच हजार रोजगार सीधे गांवों में पैदा होते हैं, जबकि करीब एक हजार लोगों को शहरों में काम मिलता है. इससे दूध संग्रह, ढुलाई, प्रोसेसिंग और बिक्री  जैसे कई काम बढ़ते हैं. साफ है कि अगर डेयरी सेक्टर को मजबूत किया जाए, तो गांवों में ही रोजगार मिलेगा और शहरों की ओर पलायन काफी हद तक कम किया जा सकता है.

लाइव स्टॉक में भी आएगा भारी निवेश

सिर्फ दूध ही नहीं, बल्कि पोल्ट्री, फिशरीज और मीट सेक्टर में भी बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले सात-आठ सालों में लाइव स्टॉक सेक्टर में 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है. पोल्ट्री सेक्टर पहले से ही करीब तीन लाख करोड़ रुपये का हो चुका है और हर साल 8 से 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. दूध, अंडा, मछली और मांस  की बढ़ती मांग इस सेक्टर को और मजबूत बना रही है.

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