गर्मी में गाभिन और दुधारू गाय की देखभाल में न करें ये गलती, लापरवाही पड़ेगी भारी

गर्मी में गाभिन और दुधारू गायों पर हीट स्ट्रेस का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दूध उत्पादन घट सकता है और जान का खतरा भी हो सकता है. ऐसे में ध्यान देने की बात यह है कि पशुओं को कैसे लू लगने से बचाया जाए.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 22 May, 2025 | 08:30 AM

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य भारत और अन्य गर्म प्रदेशों में तापमान जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पशुपालकों की चिंता भी बढ़ रही है. खासतौर से गाभिन, दूध देने वाली और गाभिन के लिए तैयार गायों की सेहत पर गर्मी का सीधा असर पड़ सकता है. अगर समय रहते देखभाल न की गई तो ना सिर्फ दूध उत्पादन में गिरावट आएगी, बल्कि पशु की जान तक खतरे में पड़ सकती है. ऐसे में गर्मी के मौसम में पशुओं की विशेष देखभाल जरूरी हो जाता है.

गाभिन और छोटे पशुओं की करें खास देखभाल

गर्मी का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती और गाभिन के लिए तैयार गायों को होता है. इनके शरीर में पानी की कमी तेजी से होती है जिससे कमजोरी, सुस्ती और थकावट जैसे लक्षण नजर आते हैं. पशु विशेषज्ञों के अनुसार गर्मियों में इन गायों के आहार में खनिज मिश्रण, विटामिन्स और जरूरी पोषक तत्व जरूर शामिल करने चाहिए. साथ ही उनके मूवमेंट और व्यवहार पर लगातार नजर रखें ताकि किसी भी बदलाव पर समय से इलाज हो सके.

हीट स्ट्रेस के लक्षण दिखें तो तुरंत करें उपचार

गर्मी के दौरान कई बार पशुओं को हीट स्ट्रेस या तापघात हो सकता है. इसके लक्षणों में सुस्ती, शरीर गर्म होना, जीभ बाहर निकालना, पानी पीने से इंकार करना या बार-बार बैठना-उठना शामिल हैं. ऐसे संकेत मिलने पर सबसे पहले पशु को छाया में ले जाएं और ठंडा पानी दें. संभव हो तो उनके शरीर पर पानी छिड़कें या गीले कपड़े से ढकें. अगर फिर भी सुधार नहीं हो रहा हो तो तुरंत पास के पशु चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें.

छाया और पानी की हो पूरी व्यवस्था

गर्मी से बचाव का सबसे आसान तरीका है ठंडी, हवादार और छायादार जगह. पशुओं को ऐसी जगह रखें जहां उन्हें सीधी धूप न लगे और हवा का पर्याप्त प्रवाह बना रहे. पानी की व्यवस्था दिनभर बनी रहनी चाहिए. ध्यान देने की बात यह है कि गंदा या गर्म पानी ने पिलाए, इससे पशु बीमार पड़ सकते हैं.

दोपहर में पशुओं को चराने से बचाएं

पशुएक्सपर्टों की माने तो गर्मी में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक पशुओं को बाहर चराने से बचाएं. इस समय उन्हें शेड या पेड़ों की छांव में रखें. अगर तापमान बहुत अधिक हो तो उनके शरीर पर गीले कपड़े रखें या पानी का छिड़काव करें. इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहेगा. जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता है वहां पंखे या कूलर जैसे साधनों का प्रयोग भी किया जा सकता है.

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Published: 22 May, 2025 | 08:30 AM

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