ब्राजीलियन सांड के सीमन से गायों का गर्भाधान शुरू, अजमेर से उदयपुर तक जोरों पर कैंपेन

राजस्थान सरकार ने प्रजनन नीति के तहत 23 जिलों में ब्राजील से आये हुए अच्छे क्वालिटी वाले गिर नस्ल के साड़ों के सीमन का वितरण शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार जागरूकता अभियान भी चला रही है.

नोएडा | Updated On: 21 May, 2025 | 05:25 PM

राजस्थान में दूध उत्पादन में नई क्रांति आने वाली है. राज्य सरकार की प्रजनन नीति के तहत छह संभागों के 23 जिलों में ब्राजील से आये हुए अच्छे क्वालिटी वाले गिर नस्ल के साड के सीमन का वितरण शुरू हो गया है. इससे गायों की नस्ल सुधार के साथ -साथ दूध उत्पादन में भी भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. अजमेर से लेकर उदयपुर तक गायों के गर्भाधान का अभियान तेजी से चल रहा है.

23 जिलों में ब्राजीलियन सीमन का वितरण

राज्य की प्रजनन नीति के तहत छह संभागों के 23 जिलों में ब्राजीलियन सीमन का उपयोग किया जाएगा. बात करें इन जिलों की तो इसमें अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, पाली, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, जयपुर, सीकर, अलवर, दौसा, झुंझुनूं, कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, सवाईमाधोपुर, धौलपुर आते हैं.

इन 23 जिलों के लिए 6 संभाग में बांटा गया है. इनमें अजमेर संभाग को 830 डोज, भरतपुर को 200, जयपुर को 600, जोधपुर के पाली जिले को 150, कोटा को 400 और उदयपुर को 500 डोज वितरित की गई हैं.

एक गाय देगी 50 लीटर दूध

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि ब्राजीलियन सीमन का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाली गिर गायों में कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाएगा. इससे पैदा होने वाले बछड़े बेहतर दूध उत्पादन की क्षमता के साथ होंगे. वर्तमान में गिर गायें औसतन 15-20 लीटर दूध देती हैं. लेकिन इस सीमन के इस्तेमाल से दूध उत्पादन लगभग 50 लीटर तक बढ़या जा सकता है.

उनका कहना है कि गिर गाय का दूध ए-2 दूध होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहतर और पचाने में आसान होता है. इसमें सामान्य गाय के दूध की तुलना में अधिक प्रोटीन और वसा होता है, जिससे यह डेयरी उत्पादों के लिए बेहतर विकल्प बनता है.

केंद्र सरकार से 10 हजार डोज की मांग

पहले चरण में कुल 2680 डोज का वितरण किया जा चुका है, जबकि दूसरे चरण के लिए 10 हजार डोज की मांग केंद्र सरकार को भेज दी गई है. सीमन की कीमत मात्र 100 रुपये रखी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा पशुपालक इसका लाभ उठा सकें.

कृत्रिम गर्भाधान के लिए जागरूकता अभियान

पशुमंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है ताकि पशुपालक कृत्रिम गर्भाधान तकनीक को अपनाएं और दूध उत्पादन में सुधार करें. अजमेर से उदयपुर तक यह अभियान तेजी से बढ़ रहा है और राजस्थान के डेयरी क्षेत्र को मजबूत करेगा.

राजस्थान में 10.43 लाख गिर गाय

2019 के पशु गणना के अनुसार, राजस्थान में लगभग 10.43 लाख गिर नस्ल के मवेशी हैं. गिर नस्ल की वृद्धि से राज्य के डेयरी उद्योग को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा.ब्राजीलियन सीमन की मदद से गिर नस्ल के मवेशियों की गुणवत्ता बढ़ेगी और राजस्थान दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनेगा. यह पहल किसानों की आमदनी बढ़ाने और प्रदेश के डेयरी उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने में मददगार साबित होगी.

Published: 21 May, 2025 | 05:01 PM