सूअर पालन से कम खर्च में ज्यादा मुनाफा, किसान घर बैठे कमा सकते हैं लाखों रुपये

सूअर पालन कम लागत में शुरू होने वाला लाभकारी व्यवसाय है. सूअर से मांस, चर्बी और चमड़े के रूप में अच्छी कमाई होती है. मादा सूअर साल में दो बार 6-7 बच्चों को जन्म देती है, जिससे आमदनी बढ़ती है.

नोएडा | Updated On: 23 Aug, 2025 | 10:36 PM

भारत में खेती के साथ-साथ पशुपालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ माना जाता है. गाय, भैंस, बकरी जैसे पारंपरिक पशुपालन के अलावा अब किसान सूअर पालन की ओर भी तेजी से रुख कर रहे हैं. सूअर पालन (Pig Farming) एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. कई किसान अब इस व्यवसाय से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है सुअर का मांस, चमड़ा और चर्बी, जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है.

सूअर पालन क्यों है फायदे का सौदा?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूअर पालन को आमतौर पर लोग उतनी अहमियत नहीं देते, लेकिन यह कमाई का एक मजबूत जरिया बनता जा रहा है. सबसे पहले इसकी लागत कम होती है. सुअर को पालने के लिए बहुत ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती और इनके भोजन में भी ज्यादा खर्च नहीं आता. सब्जियों के छिलके, होटल का बचा खाना, सड़े-गले फल-सब्जी आदि इन्हें खिलाए जा सकते हैं. सुअर का मांस बाजार में काफी महंगा बिकता है. इसके अलावा, सूअर की चर्बी से साबुन, क्रीम, तेल जैसे कई उत्पाद बनते हैं. वहीं, इसकी खाल से पर्स, बेल्ट, जैकेट जैसे लेदर प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं, जिनकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है.

प्रमुख नस्लें जो ज्यादा कमाई दिला सकती हैं

सूअर पालन की शुरुआत करने से पहले सही नस्ल का चुनाव बहुत जरूरी होता है. अच्छी नस्लों के सूअर ज्यादा वजनदार होते हैं और ज्यादा बच्चे भी देते हैं. भारत में जो नस्लें ज्यादा पाई जाती हैं, उनमें शामिल हैं-

  • लार्ज वाइट लार्कशायर
  • मिडल वाइट लार्कशायर
  • लैंडरेस
  • हैंपशायर
  • एचएक्स-1 (हाइब्रिड नस्ल)
  • स्वदेशी नस्लें

कैसे करें सूअर पालन की शुरुआत?

सूअर पालन शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले जगह की जरूरत होती है. एक छोटे से शेड में भी 10-15 सूअर आसानी से पाले जा सकते हैं. इनके रहने के लिए साफ-सफाई, हवा और धूप का उचित प्रबंध होना चाहिए. भोजन की व्यवस्था भी पहले से कर लेनी चाहिए. एक अच्छे आहार से सूअर का वजन जल्दी बढ़ता है, जिससे उसका मांस और चर्बी अधिक मिलती है. साथ ही, समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराते रहना जरूरी है, ताकि कोई बीमारी न फैले.

6-7 बच्चों का जन्म एक बार में

सूअर अर पालन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मादा सूअर एक बार में 6-7 बच्चों को जन्म देती है और साल में दो बार बच्चे देती है. यानि एक मादा सूअर साल में करीब 12 से 14 बच्चों को जन्म दे सकती है. इन बच्चों को पालकर कुछ ही महीनों में अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है. एक बच्चे की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये तक होती है. यानि सिर्फ एक मादा सूअर भी किसान को सालभर में 30-40 हजार रुपये का लाभ दिला सकती है.

कम लागत में अधिक फायदे

  • सूअर पालन कम खर्च में शुरू किया जा सकता है.
  • इनके लिए खाने की व्यवस्था आसान और सस्ती होती है.
  • बहुत कम जगह में भी इसे शुरू किया जा सकता है.
  • एक वयस्क सूअर से 60 से 70 किलो तक मांस प्राप्त होता है.
  • मांस, चमड़ा और चर्बी – तीनों से होती है कमाई.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए सरकारी योजनाएं और ट्रेनिंग भी मिलती हैं.
Published: 23 Aug, 2025 | 10:35 PM