देश में मॉनसून की बारिश जारी है और हर राज्य में इसका असर देखा जा सकता है. बिहार जैसे राज्यों में भी किसानों को भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है और उन्हें अब फसलों की दोबारा बुवाई करनी पड़ेगी. वहीं बारिश के पूर्वानुमान के आधार पर बिहार कृषि विभाग की तरफ से बरसाती सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी की गई है. फसलों की खेती करने वाले किसानों को अगस्त के महीने में निराई-गुड़ाई करने की सलाह दी गई है ताकि खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सके. बिहार कृषि विभाग ने किसानों से इन्हें फॉलों करने के लिए कहा है ताकि बारिश के मौसम में उनके खेतों में फसलें सुरक्षित रहें.
खरपतवार नियंत्रण में मदद
फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए जरूरी है कि फसलों की सुरक्षा की व्यवस्था अच्छे से की जाए. इसके लिए जरूरी है कि किसान कीटों, रोगों और खरपतवारों को समय रहते नियंत्रित करें. खरपतवारों के नियंत्रण के लिए जरूरी है कि किसान समय पर खेत की निराई करें, ताकि फसल के साथ -साथ खेत में खरपतवारों को बढ़ावा देने वाली घास को हटाया जा सके. बता दें कि, खरपतवारों के होने से पौधों को मिलने वाले पोषक तत्व, पानी और धूप खरपतवारों को मिलता है जिससे फसलों को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते खेत की निराई करें ताकि खरपतवार नष्ट किए जा सकें और पौधों को पूरा सही और जरूरी पोषण मिले.
मिट्टी की क्वालिटी में सुधार
समय पर खेतों की गुड़ाई करने से मिट्टी की क्वालिटी में भी सुधार होता है. बता दें कि गुड़ाई करने से मिट्टी की ऊपरी सतह ढीली होती है, जिसके कारण मिट्टी में ऑक्सीजन का संचार बेहतर तरीके से होता है. गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों की सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है और पौधे जड़ों से मजबूत होते हैं. गुड़ाई करने से मिट्टी में पानी रोकने की क्षमता में सुधार होता है जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है. इस तरह पानी की भी बचत होती है. इसके साथ ही समय-समय पर खेतों की गुड़ाई करने से मिट्टी के तापमान को स्थिर बनाती हैं, जिससे बीजों का अंकुरण भी तेज होता है.
ऐसे कर सकते हैं निराई-गुड़ाई
बिहार कृषि विभाग द्वारा दी गई एडवाइजरी के अनुसार, किसान कई तरह से खेतों की निराई-गुड़ाई कर सकते हैं. जिन किसानों के पास छोटे खेत हैं या वे सब्जियों की खेती करते हैं वे हाथ से ही खेतों की निराई-गुुड़ाई कर सकते हैं. हाथों से निराई-गुड़ाई करने के लिए किसान खुरपी और कुदाल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर खेती करते हैं वे अपनी मजदूरी और मेहनत बचाने के लिए पॉवर वीडर या कृषि मशीनों की मदद से खेतों की निराई-गुड़ाई कर सकते हैं.