
सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में आलू की बुवाई करना सबसे लाभकारी होता है. इस समय बोने से पौधे जल्दी विकसित होते हैं और एक महीने के भीतर नई फसल तैयार हो जाती है.

देश के कई हिस्सों में सितंबर के महीने में आलू की अगेती किस्म की खेती की जाती है, जो जल्दी उगती है और समय पर फसल तैयार होने में मदद करती है.

बुवाई से पहले आलू के बीजों का उपचार करना फसल को रोग और कीट से बचाने के लिए जरूरी है, ताकि पैदावार अच्छी और मुनाफा ज्यादा हो.

इतनी मात्रा में करें खाद का इस्तमाल आलू की अच्छी पैदावार के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश के साथ-साथ जिंक भी जरूरी होता है. (फोटो क्रेडिट- Canva)

1 लीटर पानी में 2 ग्राम ‘मैंकोजेब 75 डब्ल्यूपी’ घोल मिलाकर कटे हुए आलू के टुकड़ों को लगभग 15 मिनट तक भिगोना चाहिए. यह बीजों को रोग-मुक्त और स्वस्थ बनाने में मदद करता है.

बीजों को भिगोने के बाद छायादार जगह पर सुखा लें. इसके बाद खेत को तैयार करके बुवाई करें, ताकि पौधे को पर्याप्त पोषण और जगह मिल सके.