सितंबर में आलू की खेती शुरू करने वाले किसान कर लें ये 6 जरूरी काम, होगा दोगुना मुनाफा

Aloo Ki Kheti: क्या आप अपनी आलू की फसल से दोगुना मुनाफा कमाना चाहते हैं? सही समय पर बुवाई और बीज का सही उपचार अपनाने से आपकी फसल जल्दी तैयार होती है, मजबूत होती है और पैदावार बढ़ती है. सितंबर का महीना आलू की अगेती किस्म की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है. थोड़ी सी तैयारी और सही तरीका अपनाकर आप अपने खेत की मिट्टी और बीज से अधिकतम लाभ पा सकते हैं.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 9 Sep, 2025 | 05:07 PM
1 / 6सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में आलू की बुवाई करना सबसे लाभकारी होता है. इस समय बोने से पौधे जल्दी विकसित होते हैं और एक महीने के भीतर नई फसल तैयार हो जाती है.

सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में आलू की बुवाई करना सबसे लाभकारी होता है. इस समय बोने से पौधे जल्दी विकसित होते हैं और एक महीने के भीतर नई फसल तैयार हो जाती है.

2 / 6देश के कई हिस्सों में सितंबर के महीने में आलू की अगेती किस्म की खेती की जाती है, जो जल्दी उगती है और समय पर फसल तैयार होने में मदद करती है.

देश के कई हिस्सों में सितंबर के महीने में आलू की अगेती किस्म की खेती की जाती है, जो जल्दी उगती है और समय पर फसल तैयार होने में मदद करती है.

3 / 6बुवाई से पहले आलू के बीजों का उपचार करना फसल को रोग और कीट से बचाने के लिए जरूरी है, ताकि पैदावार अच्छी और मुनाफा ज्यादा हो.

बुवाई से पहले आलू के बीजों का उपचार करना फसल को रोग और कीट से बचाने के लिए जरूरी है, ताकि पैदावार अच्छी और मुनाफा ज्यादा हो.

4 / 6आलू के बीजों को दो हिस्सों में काटकर तैयार किया जाता है. इससे बीज बेहतर तरीके से घोल अवशोषित करता है और पौधा मजबूत बनता है.

आलू के बीजों को दो हिस्सों में काटकर तैयार किया जाता है. इससे बीज बेहतर तरीके से घोल अवशोषित करता है और पौधा मजबूत बनता है.

5 / 61 लीटर पानी में 2 ग्राम ‘मैंकोजेब 75 डब्ल्यूपी’ घोल मिलाकर कटे हुए आलू के टुकड़ों को लगभग 15 मिनट तक भिगोना चाहिए. यह बीजों को रोग-मुक्त और स्वस्थ बनाने में मदद करता है.

1 लीटर पानी में 2 ग्राम ‘मैंकोजेब 75 डब्ल्यूपी’ घोल मिलाकर कटे हुए आलू के टुकड़ों को लगभग 15 मिनट तक भिगोना चाहिए. यह बीजों को रोग-मुक्त और स्वस्थ बनाने में मदद करता है.

6 / 6बीजों को भिगोने के बाद छायादार जगह पर सुखा लें. इसके बाद खेत को तैयार करके बुवाई करें, ताकि पौधे को पर्याप्त पोषण और जगह मिल सके.

बीजों को भिगोने के बाद छायादार जगह पर सुखा लें. इसके बाद खेत को तैयार करके बुवाई करें, ताकि पौधे को पर्याप्त पोषण और जगह मिल सके.

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