किसानों को खेती में मदद करेंगे वैज्ञानिक, 29 मई से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’

हर टीम रोजाना तीन ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी और वहां मौजूद 500-600 किसानों से सीधी बातचीत करेगी. इस तरह करीब 1.30 करोड़ किसानों तक सीधा संपर्क किया जाएगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 19 May, 2025 | 12:57 PM

किसानों की आमदनी बढ़ाने, खेती को फायदे का सौदा बनाने और वैज्ञानिक तरीकों को खेतों तक पहुंचाने के लिए अब सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि 29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया जाएगा. इस अभियान का मकसद है ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ की सोच के साथ किसानों को वैज्ञानिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकों से जोड़ना.

किसानों और वैज्ञानिकों के बीच सीधा संवाद

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार का मंत्र है”एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम”. इसका मतलब है कि देशभर के किसान, वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ एक मंच पर आएं और मिलकर खेती को आगे बढ़ाएं. इस अभियान के तहत वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और उनके हिसाब से समाधान सुझाएंगे. यही नहीं, वैज्ञानिक इन फील्ड अनुभवों के आधार पर आगे के शोध भी करेंगे ताकि खेती के बेहतर तरीके विकसित किए जा सकें. यह पहल ‘लैब टू लैंड’ यानी प्रयोगशाला से खेत तक की सोच को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.

पूरे देश में चलेगा अभियान, लाखों किसान होंगे शामिल

यह अभियान देश के हर कोने तक पहुंचेगा. भारत के 723 जिलों में इसे जमीन पर उतारा जाएगा. हर जिले में तीन टीमें बनाई गई हैं और हर टीम में चार से पांच विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिनमें कृषि वैज्ञानिक, संबंधित विभागों के अधिकारी, और कुछ नवाचारी किसान भी होंगे. हर टीम रोजाना तीन ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी और वहां मौजूद 500-600 किसानों से सीधी बातचीत करेगी. इस तरह करीब 1.30 करोड़ किसानों तक सीधा संपर्क किया जाएगा.

खरीफ फसलों पर फोकस, तकनीक से जुड़ेगी खेती

अभियान के दौरान मुख्य जोर खरीफ फसलों की बेहतर खेती पर होगा. किसानों को प्राकृतिक खेती, ड्रोन तकनीक, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसी नई तकनीकों के बारे में बताया जाएगा. साथ ही खेती में उपयोग होने वाली मशीनों का प्रदर्शन भी किया जाएगा, ताकि किसान यह समझ सकें कि कैसे आधुनिक तकनीक से वे समय और लागत दोनों बचा सकते हैं. किसानों को यह भी सिखाया जाएगा कि मिट्टी की जांच के आधार पर कौन सी फसल उनके खेत के लिए सबसे सही है और खाद का इस्तेमाल कैसे करना है.

सिर्फ फसल नहीं, पशुपालन और मत्स्यपालन की भी जानकारी

यह अभियान सिर्फ फसलों तक सीमित नहीं रहेगा. किसानों को पशुपालन, मुर्गीपालन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों के बारे में भी आधुनिक जानकारी दी जाएगी. पोषण, रोग की पहचान और रोकथाम, और साइलेज जैसी तकनीकों पर भी चर्चा होगी. इन सभी विषयों पर विशेषज्ञ किसानों के साथ खुलकर संवाद करेंगे, ताकि वे खेती के साथ-साथ इन क्षेत्रों में भी अपनी आमदनी बढ़ा सकें.

सरकार की योजनाओं की सीधी जानकारी

अभियान के दौरान किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की उन योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा, जिनसे उन्हें आर्थिक मदद या तकनीकी सलाह मिल सकती है. अक्सर किसान इन योजनाओं से अनजान रह जाते हैं, लेकिन इस अभियान में उन्हें इनका सीधा लाभ दिलाने की कोशिश की जाएगी.

वैज्ञानिक सोच से आगे बढ़ेगी खेती

इस पूरी पहल का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसान और विज्ञान के बीच की दूरी कम होगी. किसान अपनी जमीन और मेहनत के अनुभव साझा करेंगे, तो वैज्ञानिक उस अनुभव के आधार पर और बेहतर समाधान खोज सकेंगे. यह संवाद दो तरफा होगा न सिर्फ समाधान मिलेगा, बल्कि नई खोज और नवाचार की राह भी खुलेगी.

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Published: 19 May, 2025 | 12:26 PM

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