इस अगस्त महीने में किसान जरूर कर लें ये काम, बिहार कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

साल के इस समय में मॉनसून सक्रिय होता है और जिन इलाकों में बारिश अच्छी मात्रा में होती है वहां लीची, आम और पपीता जैसे फलों की रोपाई करना किसानों के लिए बेहद दी फायदेमंद होता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 10 Aug, 2025 | 01:27 PM

खेती के लिहाज से अगस्त का महीना बेहद अहम है. इस दौरान देश में मॉनसून सक्रिय रहता है और मिट्टी में नमी भी रहती है. खरीफ फसलों की अच्छी बढ़त के लिए ये समय सबसे ज्यादा सही माना जाता है. ऐसे में अगर किसान नियमानुसार सही से फसलों की देखभाल करें तो उन्हें खेती से अच्छा फायदा मिल सकता है. साथ ही उनकी आमदनी में भी बढ़त हो सकती है. जुलाई में मॉनसून सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं.

अब अगस्त के महीने में ये खरीफ फसलें बढ़ने पर है जिसके लिए उनको सही समय पर खाद और पोषण देना बहुत जरूरी है. किसानों की सहूलियत के लिए बिहार कृषि विभाग ने अगस्त के महीने के लिए कुछ एडवाइजरी जारी की हैं जिनके इस्तेमाल से किसान अपने फसलों का सही से ध्यान रख सकते हैं. कृषि विभाग द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी से किसानों को निश्चित ही सही ढंग से खेती करने में मदद मिलेगी.

धान की फसल को दें यूरिया

किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि उसे सभी जरूरी पोषक तत्व दिए जाएं. बिहार कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, जिन किसानों ने जुलाई में धान की रोपाई की थी वे अब अगस्त के महीने में फसल पर यूरिया का इस्तेमाल करें. बता दें कि, धान की फसल को बढ़ने के लिए नाइट्रोजन की जरूरत होती है और यूरिया में 40 फीसदी नाइट्रोजन होता है. नाइट्रोजन की मदद से पत्तियां गहरी और चौड़ी होती हैं, साथ ही फसल का तेजी से विकास भी होता है. यूरिया देने का एक खास कारण ये भी है कि इसके इस्तेमाल से धान में कल्लियां ज्यादा निकलती हैं जिससे आगे जाकर ज्यादा बालियां बनती हैं.

मिर्च, बैंगन, टमाटर की खेती

कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि वे अगस्त के महीने में मिर्च, टमाटर, बैंगन जैसी सब्जियों की खेती करें. ये समय रबी सीजन के लिए पौधे तैयार करने के लिए सही है. अगर किसान इस महीने अच्छे से नर्सरी की तैयारी, पौधों की रोपाई और खेत की देखभाल करते हैं तो उन्हें अपनी फसल से अच्छी पैदावार मिल सकती है. इन सब्जियों की खेती के लिए किसान अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चुनाव करना चाहिए जिसमें सड़ी हुई गोबर की खाद भी मिली हो. किसानों को ध्यान रखना होगा कि खेत में पानी ने भरने दें, ऐसी स्थिति में पौधे जड़ों से सड़ सकते हैं. इसके साथ ही बारिश के मौसम में कीटों से बचाव के लिए नीम तेल या जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें.

लीची, पपीता, आम की रोपाई

साल के इस समय में मॉनसून सक्रिय होता है और जिन इलाकों में बारिश अच्छी मात्रा में होती है वहां लीची, आम और पपीता जैसे फलों की रोपाई करना किसानों के लिए बेहद दी फायदेमंद होता है. बात करें आम के पौधों की तो अगर अगस्त में बारिश पर्याप्ता मात्रा में हो रही है तो आम के पौधों की रोपाई के लिए ये समय बेस्ट है. वहीं, इस दौरान फसलों की रोपाई करते समय किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि खेत में जलभराव न हो. इसके साथ ही पौधों की अच्छी ग्रोथ और पैदावार के लिए गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली का इस्तेमाल जरूर करें.

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