प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवास लाभ पाने के लिए चयन प्रक्रिया जारी है. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को बेहतर और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है. लेकिन योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जो सरकार द्वारा तय मानदंडों के अनुसार पात्र हैं. वहीं, कुछ ऐसे परिवार भी हैं जिन्हें योजना से बाहर रखा जाएगा. आइए जानते हैं इस योजना के तहत कौन होंगे पात्र और कौन अपात्र.
किसे मिलेगा आवास का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है जो पूरी तरह आश्रयहीन हैं या कच्चे व जर्जर मकानों में रह रहे हैं. इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों में बेसहारा और भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले लोग, वंचित जनजातीय समूह तथा वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर शामिल हैं. इन वर्गों को सुरक्षित और स्थायी आवास उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. सरकार का मानना है कि इस पहल से समाज के कमजोर लोगों को न केवल छत मिलेगी, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी.
किसे नहीं मिलेगा लाभ
पीएम आवास योजना के तहत कुछ परिवारों को लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि वे आर्थिक रूप से सक्षम माने जाते हैं या योजना के उद्देश्य से बाहर हैं. इन अपात्र परिवारों में शामिल हैं-
- मोटर चालित तीन या चार पहिया वाहन के मालिक.
- यंत्रीकृत तीन या चार पहिया कृषि उपकरण रखने वाले.
- 50 हजार रुपये या उससे अधिक की राशि का किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक.
- जिन परिवारों में कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी हो.
- सरकार के साथ पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम चलाने वाले परिवार.
- जिनके परिवार का कोई सदस्य प्रतिमाह 15 हजार रुपये से अधिक कमाता हो.
- आयकर अदा करने वाले या प्रोफेशनल टैक्स देने वाले.
- ढाई एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि के स्वामी.
- पांच एकड़ या अधिक असिंचित भूमि के मालिक.
इन परिवारों को इस योजना के तहत लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम माना गया है और योजना का मकसद कमजोर वर्गों की मदद करना है.
चयन प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
पीएम आवास योजना के लिए आवेदकों का चयन एक सख्त जांच प्रक्रिया के बाद किया जाएगा. आवेदकों के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा जिसमें पात्रता की पुष्टि के लिए परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके लिए जिला स्तर पर अधिकारियों और सर्वेक्षणकर्ताओं की टीम बनाई गई है, जो घर-घर जाकर सत्यापन करेगी. दो प्रतिशत परिवारों का रैंडम जांच किया जाएगा ताकि योजना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या गलत लाभार्थी का चयन न हो सके.
यह योजना लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये तक का आर्थिक सहायता राशि और 90 दिन की मजदूरी के भुगतान के साथ सुरक्षित और स्थायी आवास प्रदान करेगी. सरकार की यह पहल देश के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिससे वे जीवन में बेहतर स्तर की सुविधा पा सकेंगे और सामाजिक सुरक्षा का अनुभव कर सकेंगे.