Mandi Bhav: महाराष्ट्र में 1525 रुपये क्विंटल प्याज, भरत दिघोले ने NAFED पर लगाया गंभीर आरोप

महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन किसानों को अभी भी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण नुकसान हो रहा है. राज्य प्याज उत्पादक संघ ने NAFED पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 24 Aug, 2025 | 02:13 PM

महाराष्ट्र में प्याज के रेट में कुछ सुधार आया है, लेकिन किसानों को अभी भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. राष्ट्रीय कृषि बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, लासुर स्टेशन मंडी में शनिवार यानी 23 अगस्त को प्याज का मॉडल प्राइस 1,525 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया, जबकि मिनिमम रेट 202 रुपये क्विंटल रहा. इस दिन मंडी में 2,294 क्विंटल प्याज की आवक हुई और 2,574 क्विंटल का कारोबार हुआ. हालांकि, इसके बानजूद किसानों का कहना है कि महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों को फसल की खरीद में पारदर्शिता की कमी के कारण भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. यह आरोप राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने शनिवार को लगाया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि किसान त्योहारों के समय भी विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार या तो NAFED के जरिए प्याज की खरीद को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाए, या फिर इसे पूरी तरह बंद कर दे. नासिक जिले के एक किसान ने पोला त्योहार के मौके पर अपने बैलों के साथ अनोखा प्रदर्शन कर NAFED के खिलाफ नाराजगी जताई. पोला किसानों का एक खास त्योहार है, जिसमें वे खेती में मदद करने वाले बैलों का आभार प्रकट करते हैं.

उचित व सुनिश्चित मूल्य देने की व्यवस्था हो

भरत दिघोले ने कहा कि पिछले कई वर्षों से NAFED प्याज का बफर स्टॉक तैयार करने के लिए खरीद करती आ रही है. लेकिन किसानों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां होती हैं, जिससे उन्हें उचित कीमत नहीं मिल पाती और हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. दिघोले ने कहा कि किसानों की मुख्य मांगों में प्याज खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और उन्हें उचित व सुनिश्चित मूल्य देने की व्यवस्था शामिल है.

फसल का लाभकारी दाम मिले

नासिक जिले की मालेगांव तहसील के धवलेश्वर गांव में किसान तात्यासाहेब पवार ने अपने बैलों पर ‘NAFED गो बैक’ लिखवाकर अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि यह कदम प्याज किसानों की दुर्दशा को दिखाने के लिए उठाया गया है, जो बफर स्टॉक खरीद में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं. पवार ने पत्रकारों से कहा कि प्याज किसान पारदर्शी खरीद प्रणाली, गारंटीकृत और उचित मूल्य, गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई और केंद्र व राज्य सरकार से स्पष्ट नीति की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें फसल का लाभकारी दाम मिल सके.

 प्याज की कीमत 1,600 रुपये प्रति क्विंटल

वहीं, कल खबर सामने आई थी कि महाराष्ट्र में प्याज के रेट में बंपर उछाल आया है. एक हफ्ते तक जो प्याज 800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, अब उसकी कीमत 1,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. यानी रेट में 100 फीसदी का उछाल आया है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि कीमतों में ये उछाल बांग्लादेश द्वारा भारत से प्याज के आयात की अनुमति दिए जाने के बाद आया है.

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Published: 24 Aug, 2025 | 02:04 PM

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