हरियाणा में 70 गांव जलमग्न, 13240 एकड़ में लगी फसल बर्बाद.. किसानों को मिलेगा मुआवजा

कुरुक्षेत्र में भारी बारिश और मारकंडा नदी के तेज बहाव से 70 गांवों की 13,240 एकड़ फसल जलभराव से प्रभावित हुई है. किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने मुआवजे की मांग की है.

नोएडा | Updated On: 23 Aug, 2025 | 10:59 PM

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में भारी बारिश के कारण मारकंडा नदी में तेज बहाव आया, जिससे धान और गन्ने जैसी फसलों की करीब 13,240 एकड़ कृषि भूमि जलभराव की चपेट में आ गई. यह नुकसान जिले के 70 गांवों में हुआ है. खास कर शाहबाद के 55, इस्माइलाबाद के 7 और पिहोवा ब्लॉक के 8 गांवों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. जिला प्रशासन ने एक प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी है और किसानों को नुकसान दर्ज करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की सिफारिश की है. इस बीच, नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. शुक्रवार शाम झांसा हेड पर 9,780 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जल संसाधन विभाग के कार्यकारी अभियंता मनीष कुमार ने कहा कि नदी में नैसी और कैंथला गांवों के पास तीन जगह कटाव हुआ था, जिन्हें बंद कर दिया गया है. विभाग लगातार निगरानी कर रहा है और बांधों को मजबूत करने के साथ जलप्रवाह को सुचारू बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने पिहोवा में प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.

प्रति एकड़ 60,000 रुपये मुआवजे की मांग

भारतीय किसान यूनियन (पिहोवा) के प्रवक्ता प्रिंस वरैच ने कहा कि जलभराव की वजह से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. नैसी गांव में पिछले महीने नदी के कटाव से फसल खराब हो गई थी. किसानों ने दोबारा धान की रोपाई की, लेकिन इस बार फिर से पानी भर जाने के कारण पूरी फसल डूब गई है. अब किसानों के पास दोबारा रोपाई का समय भी नहीं बचा है. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल अब तक नहीं खुला है. सरकार को तुरंत गिरदावरी करवा कर किसानों को प्रति एकड़ 60,000 रुपये की राहत देनी चाहिए.

कुरुक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि जिले के करीब 70 गांवों की 13,240 एकड़ फसल जलभराव से प्रभावित हुई है. इसके अलावा अगर किसी किसान की फसल खराब हुई है तो वह राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलकर रिपोर्ट दर्ज करा सकता है. सभी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई हैं और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने की अपील की गई है.

इन गांवों में फसलों को भारी नुकसान

इस बीच अंबाला जिले के बराड़ा और मुलाना क्षेत्र के कई गांवों जैसे धीन, टंडवाल, गोला, खैरा, हेमामाजरा, कलपी, गोली, पपलोथा, रामगढ़, हमीदपुर और गंगहेड़ी में भी खेतों में पानी भरा हुआ है/ अधिकारियों के अनुसार, पानी धीरे-धीरे निकल रहा है. नुकसान का सही अनुमान नुकसान के आंकलन के बाद ही लग सकेगा.

Published: 23 Aug, 2025 | 10:53 PM