गर्मी में गाय, भैंस बार-बार पड़ रहीं बीमार या कम दे रही हैं दूध .. तो तुरंत करें ये उपाय

गर्मी के मौसम में दुधारू मवेशी ज्यादा बीमार पड़ते हैं. उनकी दूध देने की क्षमता भी कम हो जाती है. कई बार उनको लू भी लग जाती है. लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर आप अपने मवेशियों को बीमार पड़ने से बचा सकते हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 21 May, 2025 | 02:10 PM

मौसम परिवर्तन का असर केवल इंसान पर ही नहीं, बल्कि मवेशियों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. खास कर गर्मी के मौसम में दुधारू मवेशियों को बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि अधिक गर्मी और लू की चलते मवेशी तनाव में आ जाते हैं और खाना- पीना कम कर देते हैं. इससे उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है. ऐसे में डेयरी बिजनेस से जुड़े लोगों की कमाई भी प्रभावित होती है. लेकिन अगर आप थोड़ी सी सावधानी अपनाते हैं, तो अपने मवेशियों को इस प्रचंड गर्मी में भी बीमार पड़ने से बचा सकते हैं. उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और उनकी दूध देने की क्षमता भी कम नहीं होगी.

पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्मी के मौसम में मवेशियों की देखभाल अच्छी तरह से करनी चाहिए. क्योंकि इंसान की तरह मवेशियों को भी लू लगती है. इसलिए भीषण गर्मी में मवेशियों को हमेशा छायादार जगह पर बांधे, ताकि वे तीखी धूप से बच सकें. इसके अलावा गौशाल में हमेशा साफ-सफाई रखें. उन्हें पीने के लिए हमेशा ठंडा और ताजा पानी दें. इससे वे हेल्दी रहेंगे और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी. दिन में कम से कम 4 से 5 बार ताजा पानी पीने के लिए दें. इससे मवेशी को लू नहीं लगेगी.

मौसम के हिसाब से मवेशी को दें आहार

वहीं, कई विशेषज्ञों का कहना है कि इंसान की तरह मवेशियों को भी मौसम के हिसाब से आहार की जरूरत होती. गर्मी के मौसम में ठंडी तासीर वाला चारा दें. हो सके तो उनके आहार में ज्याद से ज्यादा हरी घास शामिल करें. इससे उनकी पाचन क्रिया तंदरुस्त रहेगी और शरीर को प्रयाप्त मात्रा में पोषक तत्व भी मिलेगा. खास कर हरी घास खिलाने से मवेशियों की दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है.

11 बजे से शाम 4 बजे तक छायादार जगह पर बांधें

पशुओं को गर्मी के मौसम में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक छायादार जगह पर बांधें. इस दौरान मवेशियों को खेत में चराने से भी बचना चाहिए, नहीं तो लू लग सकती है. जरूरत पड़ने पर आप गौशाला में कूलर और पंखा भी लगा सकते हैं. इससे उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी. इसके बावजूद भी अगर मवेशी मुंह खोलकर हांफ रहे हैं, तो उन्हें दिन में 2 से 3 बार ताजा पानी से नहला दें. इससे उनके शरीर का तापमान संतुलित रहेगा.

इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं इलाज

गर्मी के मौसम में दुधारू मवेशियों के व्यवहार पर भी ध्यान देना चाहिए. क्योंकि ज्यादा गर्मी पड़ने पर मवेशी चिड़चिड़े हो जाते हैं. ऐसे में दूध देना कम कर देते हैं. खास कर गर्भवती और दुधारू मवेशियों के साथ ये समस्या ज्यादा होती है. अगर पशु सुस्त, कमजोर और बेचैन दिखे तो तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं.

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Published: 21 May, 2025 | 02:05 PM

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