मूली की खेती से हो सकती है अच्छी कमाई, जानें कौन सी हैं उन्नत किस्में

पूसा चेतकी मूली की एक ऐसी किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खेती विशेष रूप से गर्मी और बारिश के मौसम में की जाती है. इसकी जड़ें सफेद और मुलायम होती हैं.

नोएडा | Updated On: 18 Jun, 2025 | 02:07 PM

किसी भी फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान उस फसल की उन्नत किस्मों का चुनाव करें. ऐसी किस्में जिनकी खेती से न केवल उत्पादन अच्छा हो बल्कि किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो. ऐसा ही कुछ मूली की खेती के साथ भी है, किसान अगर मूली की उन्नत किस्मों का चुनाव करें तो इसकी खेती उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. खबर में आगे मूली की कुछ उन्नत किस्मों के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कितनी है उनकी पैदावार और किसानों को कितना आमदनी होती है.

मूली की 3 उन्नत किस्में

पूसा चेतकी (Pusa Chetki)

पूसा चेतकी मूली की एक ऐसी किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खेती विशेष रूप से गर्मी और बारिश के मौसम में की जाती है. इसकी जड़ें सफेद और मुलायम होती हैं. ये एक मध्यम, लंबी, बेलन के आकार की कितनी किस्म होती है. स्वाद में पूसा चेतकी तीखी होती है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसन लगभग 250 क्विंटल तक पैदावार कर सकते हैं और मूली की यह किस्म बुवाई के करीब 40 से 45 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, पूसा चेतकी की खेती करने से किसानों को औसतन प्रति एकड़ फसल से 3.15 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.

पूसा देशी (Pusa Desi)

मूली की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, दिल्ली द्वारा विकसित. इसकी खेती विशेष तौर पर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में की जाती है. इसका स्वाद हल्की कड़वा होता है. पूसा देशी मूली 30 से 35 सेमी लंबी और शुद्ध सफेद होती हैं. इसकी खेती के लिए मध्य अगस्त से अक्टूबर के बीच का समय सबसे सही होता है. इसकी फसल बुवाई के करीब 50 से 55 दिन बाद पककर तैयार होती है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान लगभग 30 टन पैदावार कर सकता है. मूली की इस किस्म की खेती से किसान प्रति हेक्टेयर फसल से औसतन 6.5 लाख से 11.5 लाख तक की कमाई कर सकते है.

पूसा हिमानी (Pusa Himani)

मूली की इस किस्म को भी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है. यह मूली की उन्नत किस्मों में से एक है. इसकी खेती विशेष तौर पर पहाड़ी इलाकों में की जाती है. पूसा हिमानी मूली 30 से 35 सेमी लंबी औक 10 से 12 सेमी चौड़ी होती है. स्वाद में ये किस्म कम तीखी होती है. पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती नवंबर से जनवरी के बीच की जाती है. इसकी फसल बुवाई के करीब 55 से 60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसान लगभग 320 से 350 क्विंटल पैदावार कर सकते हैं. पूसा हिमानी मूली की प्रति हेक्टेयर फसल से किसान औसतन 7.5 लाख से 13.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं.

Published: 18 Jun, 2025 | 02:06 PM