Free Ration: 11 लाख लोग नहीं उठा पाएंगे फ्री राशन, इस नियम के तहत कटेगा योजना की लिस्ट से नाम

पंजाब सरकार ने NFSA के तहत मुफ्त गेहूं पाने वाले करीब 11 लाख लोगों को योजना से बाहर करने का फैसला किया है. इनमें आयकरदाता, छोटे किसान, सरकारी कर्मचारी और उच्च आय वाले परिवार शामिल हैं. पात्रता की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो नए मानदंड तय करेगी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 22 Sep, 2025 | 01:03 PM

Punjab News: पंजाब में अब 11 लाख लोग हर महीने फ्री में राशन (Free Ration) नहीं उठा पाएंगे. पंजाब सरकार ने हाल ही में एक नया फैसला लिया है, जिससे नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत मुफ्त गेहूं पाने वाले करीब 11 लाख लोगों का नाम लिस्ट से हटाया जा सकता है. हालांकि, पहले सरकार ने कहा था कि किसी भी लाभार्थी का नाम योजना से हटाया नहीं जाएगा, लेकिन अब केंद्र सरकार के मानदंडों के तहत राज्य सरकार ने अपात्र लोगों को योजना से बाहर करने का फैसला किया है.

दरअसल, शुक्रवार को सरकार ने योजना से नाम हटाने को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इनकम टैक्स भरने वाले, GST, सर्विस टैक्स या प्रोफेशनल टैक्स देने वाले, मोटर कार (चार पहिया वाहन) रखने वाले और जिनके घर में एयर कंडीशनर (AC) लगा हुआ है, अब वे इस योजना के हकदार नहीं होंगे. यह नोटिफिकेशन पंजाब फूड सिक्योरिटी रूल्स, 2016 में संशोधन करके जारी किया गया है और इसे मुख्यमंत्री की मंजूरी भी मिल चुकी है. फिलहाल पंजाब में करीब 1.52 करोड़ लोग NFSA के तहत मुफ्त गेहूं पा रहे हैं.

पंजाब में कुल 8.16 लाख किसान रजिस्टर्ड

पंजाब सरकार के नए फैसले के तहत अब छोटे किसान (जिनके पास 2.5 एकड़ से 5 एकड़ तक जमीन है) मुफ्त अनाज योजना से बाहर हो जाएंगे. हालांकि, सीमांत किसान  (2.5 एकड़ से कम जमीन वाले) अभी इस योजना के दायरे में बने रहेंगे. पिछले धान सीजन में पंजाब में कुल 8.16 लाख किसान रजिस्टर्ड थे, जिनमें से सिर्फ 2.93 लाख किसान ही सीमांत किसान थे.

राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि यह नोटिफिकेशन  सिर्फ मौजूदा नियमों को एक जगह इकट्ठा करने के लिए जारी किया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोटिफिकेशन में यह भी साफ लिखा है कि केवल वही व्यक्ति योजना से हटाए जाएंगे, जो तय की गई ‘श्रेणी’ में नहीं आते हैं. उनके परिवार के बाकी सदस्य योजना के तहत मुफ्त गेहूं पाते रहेंगे.

इन लोगों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री ने इस मामले की समीक्षा के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग  के सचिव, कृषि सचिव और कर आयुक्त शामिल हैं. यह समिति पात्रता के नए मानदंडों की दोबारा समीक्षा करेगी. समिति की सिफारिशों के आधार पर पात्रता की जांच की जाएगी और इसके बाद ही अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटाया जाएगा. पंजाब सरकार की ओर से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कुछ और लोगों को भी योजना से बाहर करने की बात कही गई है. इसमें सभी सरकारी कर्मचारियों के परिवार, रजिस्टर्ड बिजनेसमैन और जिनकी सालाना आमदनी 1.80 लाख रुपये से ज्यादा है, वो भी शामिल हैं. साथ ही जिनके पास 100 वर्ग गज से बड़ा प्लॉट पर बना मकान या 750 वर्ग फुट से बड़ा फ्लैट है, ऐसे लोग भी योजना के लिए अपात्र होंगे.

मुख्यमंत्री भगवंत मान का क्या था वादा

पहले जब केंद्र सरकार ने शक के दायरे में आए लाभार्थियों को लेकर सवाल उठाए थे, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कहा था कि वे किसी लाभार्थी का नाम लिस्ट से हटाने नहीं देंगे. केंद्र ने पंजाब सरकार  को 30 सितंबर तक का समय दिया था कि वे संदिग्ध लाभार्थियों की जांच पूरी करें. लेकिन पंजाब सरकार ने कहा कि उस समय धान की खरीद का काम चल रहा होगा, इसलिए उन्होंने जांच पूरी करने के लिए 6 महीने की मोहलत मांगी है.

Published: 22 Sep, 2025 | 12:51 PM

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