
बकरियों की सेहत और उत्पादन पूरी तरह उनके आहार पर निर्भर करती है. उन्हें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और पानी संतुलित मात्रा में मिले तो बकरी तेजी से बढ़ती है, ज्यादा दूध देती है और बीमार पड़ने की संभावना बहुत कम होती है.

प्रोटीन बकरियों की ग्रोथ, दूध उत्पादन और गर्भधारण के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व है. हरा चारा, दाल, सोयाबीन और अल्फाल्फा में प्रोटीन भरपूर होता है. अगर प्रोटीन की कमी हो जाए तो बकरी कमजोर होती है, दूध कम होता है और उनका शरीर धीमे-धीमे बढ़ता है.

विटामिन और मिनरल्स बकरियों के शरीर की हर गतिविधि में मदद करते हैं. कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, मैग्नीशियम और आयरन मांसपेशियों और खून के लिए जरूरी हैं, जबकि विटामिन A, D और E इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. इनकी कमी से बकरियां बार-बार बीमार पड़ सकती हैं और बच्चा कमजोर पैदा होता है.

पानी की कमी बकरियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन सकती है. पानी कम मिलने पर उनका शरीर गर्म हो जाता है, पाचन प्रणाली कमजोर पड़ती है और दूध का उत्पादन कम हो जाता है. गर्मियों में पानी ज्यादा बार और मात्रा में देना चाहिए, जबकि सर्दियों में हल्का पानी नियमित रूप से देना पर्याप्त होता है.

सोडियम यानी नमक शरीर में ऊर्जा स्तर बनाए रखता है और प्यास संतुलित करता है. यदि बकरी को पर्याप्त नमक नहीं मिलेगा, तो वह सुस्त और कमजोर हो जाती है. नमक की सही मात्रा से बकरियां सक्रिय रहती हैं और उनका शरीर स्वस्थ रहता है.

फाइबर बकरी के पाचन तंत्र के लिए बेहद जरूरी है. हरा चारा, घास और सिलेज पाचन को बेहतर बनाते हैं, कब्ज से बचाते हैं और शरीर को पोषक तत्वों को सही तरह से अवशोषित करने में मदद करते हैं. अच्छी क्वालिटी की घास दिन में दो बार देना चाहिए ताकि बकरियां स्वस्थ और ताकतवर रहें.