प्याज को लेकर बड़ा कदम उठाने वाली है सरकार? MP ने ड्यूटी और टैक्स में छूट को लेकर की ये मांग

महाराष्ट्र में प्याज के दाम गिरने से किसानों को नुकसान हो रहा है. सांसद राजाभाऊ वाजे ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर RoDTEP दर 1.99 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी करने और 7 फीसदी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी की मांग की है ताकि निर्यात बढ़े और किसानों को राहत मिले.

नोएडा | Published: 2 Aug, 2025 | 02:12 PM

महाराष्ट्र में प्याज के रेट में गिरावट आने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. 1300 रुपये क्विंटल से भी कम कीमत होने के चलते वे लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में किसान केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं. इसी बीच नासिक लोकसभा सीट से सांसद राजाभाऊ वाजे ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर RoDTEP (एक्सपोर्ट पर ड्यूटी और टैक्स में छूट) की दर को मौजूदा 1.99 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी करने की मांग की है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही उन्होंने प्याज के निर्यात पर मालभाड़े की कुल लागत पर 7 फीसदी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने की भी अपील की है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिले और मंडियों में प्याज की कीमतें स्थिर रह सकें. वाजे की यह मांग ऐसे समय आई है जब प्याज की थोक कीमतें 1,280 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं, जो किसानों की लागत से भी कम है. इस गिरावट की वजह आपूर्ति ज्यादा और मांग कम होना बताया जा रहा है. सांसद का कहना है कि किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल राहत कदम उठाने की अपील की है.

समय रहते ठोस कदम उठाने की जरूरत

MP राजाभाऊ वाजे ने कहा कि कुछ प्याज उत्पादक राज्यों में नई फसल की जल्दी आवक शुरू हो गई है, जिससे आने वाले दिनों में बाजारों में प्याज की भारी आवक होने की उम्मीद है. हालांकि अच्छी फसल आमतौर पर खुशी की बात होती है, लेकिन अगर सप्लाई बहुत ज्यादा हो और मांग उतनी न हो, तो प्याज की कीमतों में तेज गिरावट आ सकती है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में किसानों को और ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा, इसलिए समय रहते ठोस कदम उठाए जाएं.

कीमतों में गिरावट से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान

राजाभाऊ वाजे ने कहा कि प्याज की कीमतों में गिरावट से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा, क्योंकि उन्होंने इसकी खेती में काफी पैसा और मेहनत लगाई है. यह संकट केवल किसानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे प्याज व्यापारियों और पूरी सप्लाई चेन पर भी बुरा असर पड़ेगा. वाजे ने कहा कि ऐसी स्थिति में निर्यात बाजार अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे अतिरिक्त प्याज को सोखकर घरेलू कीमतों को स्थिर कर सकते हैं. उन्होंने मांग की कि RoDTEP रेट को बढ़ाया जाए और प्याज निर्यात पर 7 फीसदी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दी जाए, ताकि निर्यात को बढ़ावा मिल सके और किसानों को राहत मिल सके.