अनोखी पहल- बेटी के जन्म पर एफडी करा देती है ये पंचायत, उपहार देते हैं ग्रामीण

साल 2018 से लेकर अबतक गांव में जन्म ले चुकीं 47 बेटियों के नाम पर 2 लाख 35 हजार रुपये जमा हो चुके हैं. सरपंच बघेल ने बताया कि अभी 15 से 20 बेटियां और हैं जिनके नाम वे 5 हजार रुपये जमा कराएंगे.

नोएडा | Updated On: 16 Jul, 2025 | 05:51 PM

समाज के कुछ हिस्सों में जहां आज भी लोग बेटियों को बोझ समझते हैं. वहीं, दूसरी ओर छत्तीसगढ में एक ऐसा जिला है जिसने सालों से बेटियों को लेकर चलती आ रही कुरीतियों को दरकिनार कर अनोखी मिसाल पेश की है. जी हां, यहां के लोग बेटी के जन्म पर अनोखे अंदाज में खुशियां मनाते हैं. बात कुछ यूं है कि, बेटी को अभिशाप मानने वालों को एक बार छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के गांव सपोस आकर देखना चाहिए कि बेटी के जन्म पर किस तरह खुशियां मनाई जाती हैं. दरअसल, सपोस गांव में पंचायत की तरफ से नवजात कन्या के जन्म पर उसके नाम से 5 हजार रुपये फिक्स डिपॉजिट करा दिया जाता है ताकि आगे चलकर बच्ची की पढ़ाई और लालन-पालन में किसी भी तरह की समस्या न आए.

सरपंच बिटियारानी सहायता योजना

महसमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सपोस के सरपंच किशोर बघेर ने केंद्र सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से प्रेरित होकर गांव की बेटियों के लिए एक अनोखी योजना बनाई. जिसका नाम दिया ‘सरपंच बिटियारानी सहायता योजना’. इस योजना के तहत सरपंच किशोर बघेल ग्राम पंचायत को मिलने वाली आय के बचे हुअ पैसे से गांव के गरीब और मध्यम परिवारों में जन्म लेने वाली बेटियों के नाम डाक खाने में 5 हजार रुपये का फिक्स डिपॉजिट करते हैं. ये डिपॉजिट बेटी और उसके माता-पिता के नाम पर किया जाता है, जिसके लिए एक ज्वाइंट एकाउंट खोला जाता है. बता दें, जब बेटी 18 साल की होती है तब उसे इस डिपॉजिट से करीब 30 से 35 हजार रुपये मिलते हैं.

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महसमुंद जिले के ग्राम सपोस के सरपंच किशोर बघेल

2018 में हुई योजना की शुरुआत

समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार सपोर गांव के सरपंच किशोर बघेल ने इस योजना की शुरुआत साल 2018 में की थी. उन्होंने बताया कि साल 2018 से लेकर अबतक गांव में जन्म ले चुकीं 47 बेटियों के नाम पर 2 लाख 35 हजार रुपये जमा हो चुके हैं. सरपंच बघेल ने बताया कि अभी 15 से 20 बेटियां और हैं जिनके नाम वे 5 हजार रुपये जमा कराएंगे. सरपंच का कहना है कि केन्द्र सरकार के बेटी पढ़ाओ , बेटी बचाओं अभियान से प्रेरित होकर और बेटियों को बोझ न मानकर उनको आगे बढ़ाने और समाज में समान अधिकार दिलाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की थी.

बेटियों की शादी पर देते हैं 2 हजार रुपये

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में गांव की बेटियों के नाम फिक्स डिपॉजिट करने के अलावा किशोर बघेल गांव की बेटियों को उनकी शादी पर उपहार के तौर पर 2 हजार रुपये देते हैं. बता दें कि गांव में अबतक इस योजना का लाभ उठा चुके बेटियों के माता-पिता के चेहरे पर सुकून भरी मुस्कान रहती है. बेटियों की माताओं का कहना है कि बेटियों के अच्छे भविष्य के लिए रुपये जोड़ना सरपंच किशोर बघेल की अच्छी सोज का ही नतीजा है.

ग्रीन सपोस के नाम से जाना जाता है गांव

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक का ग्राम पंचायत सपोस की कुल आबादी 2070 है ,जिसमे महिलाये 1045 व पुरुष 1025 है और 512 परिवार सपोस और सपोस के अधीन आने वाले गांव गबोद में रहते हैं. इस गांव की खासियत है कि यहां का हर एक गांव हरे रंग का है इसलिए इसे ग्रीन सपोस कहा जाता है. इस गांव में ज्यादातर आबादी पिछड़ा वर्ग की है जिनकी आय का मुख्य स्त्रोत खेती-किसानी ही है.

Published: 16 Jul, 2025 | 06:30 PM