ये हैं धरती की दो सबसे गर्म जगह, जहां का तापमान पहुंचा 80.8 डिग्री सेल्सियस पार

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के 11,000 से अधिक मौसम केंद्र वायुमंडलीय तापमान मापते हैं, लेकिन पृथ्वी के कई दूरदराज हिस्सों में तापमान को मापने वाले उपकरण नहीं हैं. ऐसे में NASA के MODIS टूल्स से लैस सैटेलाइट्स ने पिछले 20 सालों में पूरी धरती की सतह का तापमान मापा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 14 Jun, 2025 | 01:20 PM

अब तक हम यही मानते आए थे कि अमेरिका की डेथ वैली ही दुनिया का सबसे गर्म इलाका है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक नई और हैरान कर देने वाली सच्चाई सामने रखी है. NASA के सैटेलाइट्स से मिले आंकड़े बताते हैं कि धरती की सतह पर सबसे अधिक झुलसाने वाली गर्मी अब ईरान के लूत रेगिस्तान और अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर स्थित सोनोरन रेगिस्तान में दर्ज हो रही है. ये तापमान इतने खतरनाक हैं कि इंसान तो क्या, मशीनें भी वहां काम करने से जवाब दे सकती हैं. सवाल उठता है क्या यह सिर्फ रिकॉर्ड की बात है, या जलवायु परिवर्तन की एक डरावनी चेतावनी?

कैलिफोर्निया की डेथ वैली लंबे समय से पृथ्वी का सबसे गर्म स्थान मानी जाती रही है. 10 जुलाई 1913 को, यहां के फर्नेस क्रीक इलाके में वायुमंडलीय तापमान 56.7°C (134.1°F) तक पहुंच गया था, जो अब भी विश्व रिकॉर्ड है. यहां गर्मियों में औसतन तापमान 45°C (113°F) से ऊपर रहता है.

लेकिन सतही तापमान की बात करें तो डेथ वैली को अब दो रेगिस्तानों ने पीछे छोड़ दिया है. Science.org की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हाई-रेज्योल्यूशन सैटेलाइट से मिले आंकड़ों के एनालिसिस से पता चला है कि ईरान का लूत रेगिस्तान और मैक्सिको-अमेरिका सीमा पर स्थित सोनोरन रेगिस्तान ने हाल के सालों में 80.8°C (177.4°F) तक की सतही गर्मी दर्ज की है.

दुनिया के कई हिस्सों का तापमान नहीं मालूम

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के 11,000 से अधिक मौसम केंद्र वायुमंडलीय तापमान मापते हैं, लेकिन पृथ्वी के कई दूरदराज हिस्सों में तापमान को मापने वाले उपकरण नहीं हैं. ऐसे में NASA के MODIS टूल्स से लैस सैटेलाइट्स ने पिछले 20 सालों में पूरी धरती की सतह का तापमान मापा है. MODIS सतह से निकलने वाली इंफ्रारेड गर्मी को मापता है, जिससे पता चलता है कि जमीन, रेत या बर्फ को छूने पर वह कितनी गर्म महसूस होगी.

सतही तापमान आमतौर पर वायुमंडलीय तापमान से कहीं अधिक होता है, खासकर धूप वाले दिनों में. 2011 में वैज्ञानिकों ने पाया कि लूत रेगिस्तान में सतही तापमान 70.7°C (159.3°F) तक पहुंच गया था. अब सॉफ्टवेयर की मदद से और भी अधिक सटीकता से पता चला है कि 2018 में लूत ने अपना ऑल टाइम हाई तापमान छुआ है, जिसे अगले साल सोनोरन रेगिस्तान ने भी छू लिया.

दुनिया का सबसे गर्म स्थान

वैज्ञानिकों के मुताबिक, लूत रेगिस्तान “एक बड़े क्षेत्र में लगातार अधिकतम गर्मी” के कारण अब पृथ्वी का सबसे गर्म स्थान बन चुका है. वहीं, चीन के क़ैदम बेसिन में एक ही दिन में तापमान में 81.8°C (147.3°F) का उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया, जो एक रिकॉर्ड है. पृथ्वी का सबसे ठंडा स्थान अब भी अंटार्कटिका है, जहां 2016 में –110.9°C (–167.6°F) का सैटेलाइट से लिया तापमान दर्ज हुआ था.

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