गाय का नाम सुनते ही हमारे मन में एक पवित्र छवि बन जाती है, जिसे हम भारत में ‘गौ माता’ कहकर पूजते हैं. लेकिन जब बात आती है नीलगाय की, तो नाम सुनकर कई लोग चौंक जाते हैं. आखिर यह कैसी गाय है जो ना दूध देती है, ना गोशाला में रहती है, और ऊपर से नीली भी नहीं होती?
अगर आप भी कभी नीलगाय को देखकर हैरान हुए हैं या अब तक सिर्फ नाम ही सुना है, तो चलिए आज इसे बेहतर तरीके से समझते हैं नीलगाय होती क्या है, दिखती कैसी है और इसका नाम नीलगाय क्यों पड़ा?
नीलगाय क्या है?
नीलगाय, जिसका वैज्ञानिक नाम Boselaphus tragocamelus है, असल में एक वन्य जीव है. यह भारत में सबसे बड़ी और आम तौर पर दिखने वाली एंटीलोप यानी हिरण प्रजाति है. यह पूरी तरह से शाकाहारी होती है. भारत के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह आमतौर पर देखी जाती हैं.
कहां मिलती है नीलगाय?
नीलगाय ज्यादातर ग्रामीण इलाकों और खुले खेतों में दिखाई देती है. जैसे ही गर्मी का मौसम आता है, ये जानवर खाने की तलाश में खेतों में घुसने लगते हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान भी होता है.
नीलगाय दिखती कैसी है? घोड़े जैसी, पर…
नीलगाय का शरीर देखने में घोड़े और हिरण जैसा होता है. इसका रंग आमतौर पर धूसर या स्लेटी होता है, जिससे दूर से देखने पर इसका रंग नीला सा दिखाई देता है. इसके शरीर का पीछला हिस्सा थोड़ा नीचे होता है, जिसकी वजह से ये घोड़े की रफ्तार से नहीं भाग पाते.
तो फिर इसे ‘गाय’ क्यों कहते हैं?
इसे ‘नीलगाय’ नाम इसलिए मिला क्योंकि इसका रंग हल्का स्लेटी या भूरा-नीला होता है और शक्ल-सूरत और चाल-ढाल कुछ हद तक गाय से मिलती-जुलती है. पुराने समय में लोगों को ये नीले रंग और गाय जैसी बनावट की वजह से “नीलगाय” कहने में आसानी हुई और फिर नाम चल पड़ा. तब से लेकर अब तक हम इसे नीलगाय नाम से ही जानते हैं.