गाय और भैंस के ब्याने के लक्षण पहचानें, जानें कब होगा बछड़ा

जब गाय या भैंस का प्रसव बिल्कुल नजदीक होता है, तो उसके शरीर से कुछ साफ-साफ संकेत मिलने लगते हैं जिन्हें देखकर कोई भी सतर्क पशुपालक समझ सकता है कि अब ब्या का समय आ गया है.

नई दिल्ली | Updated On: 2 May, 2025 | 01:11 PM

अगर आप एक किसान या पशुपालक हैं और आपकी रोजी-रोटी गाय या भैंस के दूध पर निर्भर है, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि आपका पशु कब ब्या सकता है. अक्सर पशु कुछ ऐसे संकेत देने लगते हैं जिन्हें समझकर आप पहले से तैयारी कर सकते हैं. इससे न केवल प्रसव को आसान बनाया जा सकता है, बल्कि गाय और बछड़े दोनों की जान भी सुरक्षित रखी जा सकती है.

गाय या भैंस के ब्याने से पहले बदलता है व्यवहार

जब गाय या भैंस के प्रसव का समय नजदीक आता है, तो उसका व्यवहार और शरीर दोनों बदलने लगते हैं. मादा पशु आमतौर पर:

  • अकेले रहने लगती है
  • खाने-पीने में रुचि नहीं लेती
  • बेचैनी दिखाने लगती है
  • अपने पेट पर बार-बार लात मारती है
  • कभी-कभी जमीन पर बैठकर बार-बार उठती-बैठती रहती है
  • इसके अलावा, अगर आप ध्यान दें तो थनों में दूध भरना शुरू हो जाता है, और योनि से सफेद चिपचिपा तरल (श्लेष्मा) निकलने लगता है.

ब्याने की सही तारीख कैसे जानें?

अगर आपने अपनी गाय या भैंस का गर्भाधान (Insemination) किस तारीख को हुआ था, यह ठीक से नोट कर रखा है, तो आप आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि वह कब ब्या सकती है. सामान्यतः गाय का गर्भकाल 280 से 290 दिन का होता है, जबकि भैंस का गर्भकाल थोड़ा लंबा, यानी 305 से 318 दिन तक होता है.

उदाहरण के लिए, अगर आपकी गाय का गर्भाधान 1 अगस्त को हुआ था, तो वह लगभग मई के पहले सप्ताह में ब्या सकती है. इसी तरह से भैंस के ब्याने की संभावित तारीख का भी हिसाब लगाया जा सकता है. इस जानकारी से आप प्रसव की तैयारी पहले से कर सकते हैं और पशु को सुरक्षित वातावरण दे सकते हैं.

ब्याने से ठीक पहले के लक्षण

जब गाय या भैंस का प्रसव बिल्कुल नजदीक होता है, तो उसके शरीर से कुछ साफ-साफ संकेत मिलने लगते हैं जिन्हें देखकर कोई भी सतर्क पशुपालक समझ सकता है कि अब ब्या का समय आ गया है. इस समय पर सबसे पहले योनि से पानी की थैली दिखाई देने लगती है, जो इस बात का संकेत है कि बच्चा बाहर आने की तैयारी में है.

कभी-कभी आप बछड़े के अगले पैर और मुंह को भी बाहर की ओर झांकते हुए देख सकते हैं. आमतौर पर जब पानी की थैली फट जाती है, तो 30 मिनट के भीतर प्रसव हो जाता है. यह सब होते ही पशु को शांत और सुरक्षित माहौल देना बहुत जरूरी हो जाता है, ताकि वह बिना किसी परेशानी के बछड़े को जन्म दे सके.

वहीं पहली बार ब्या रही गाय या भैंस को ब्या में थोड़ा ज्यादा समय (3-4 घंटे) लग सकता है. अगर इस समय कोई भी असामान्यता दिखे जैसे थैली न फटना, बछड़ा अटक जाना या ज्यादा देर हो जाना, तो तुरंत पशु चिकित्सक को बुलाना चाहिए.

ब्याने के बाद क्या ध्यान रखें?

ब्याने के बाद आमतौर पर 3 से 8 घंटे के भीतर जेर, यानी गर्भनाल, अपने आप बाहर निकल जाती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें किसी तरह की बाहरी मदद की जरूरत नहीं होती. लेकिन अगर 12 घंटे बीत जाने के बाद भी जेर बाहर न आए, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में कई पशुपालक गलती से गर्भनाल को खींचने की कोशिश करते हैं, जो कि बहुत खतरनाक हो सकता है.

इससे गाय या भैंस को अंदरूनी चोट लग सकती है, ज्यादा खून बह सकता है और कभी-कभी पशु की जान भी जा सकती है. इसलिए, अगर जेर समय पर न निकले तो तुरंत किसी अनुभवी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, ताकि सही इलाज समय पर मिल सके और पशु को कोई नुकसान न हो.

Published: 2 May, 2025 | 11:49 AM