भारत सरकार किसानों की आर्थिक सुरक्षा और खेती को जोखिमों से मुक्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक बड़ा और भरोसेमंद कदम साबित हो रही है.
अब इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 11 अगस्त 2025 को राजस्थान के झुंझुनू में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस मौके पर किसानों को डिजिटल माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में फसल बीमा की 3200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जाएगी. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तकनीक आधारित पारदर्शिता और किसान सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है.
सीधा लाभ-खातों में आएंगे करोड़ों रुपये
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 30 लाख से अधिक किसानों को 3,200 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी.
- राजस्थान को मिलेगा 1,100 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ (लगभग 7 लाख किसान)
- मध्य प्रदेश के किसानों के खाते में 1,156 करोड़ रुपये.
- छत्तीसगढ़ को 150 करोड़ रुपये.
- अन्य राज्यों को 773 करोड़ रुपये का फण्ड पड़ेगा.
तकनीकी और पारदर्शी प्रक्रिया
क्लेम निपटान के लिए योजना में कई तकनीकी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा रहा है, जैसे:-
- YES‑TECH (उपज का दूरसंचार आधार पर आकलन)
- WINDS पोर्टल (मौसम डेटा नेटवर्क)
- AIDE ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल, और हेल्पलाइन 14447
- इन नवाचारों से क्लेम प्रक्रिया तेज, सटीक और पारदर्शी बनी है-जिससे किसानों को समय से लाभ मिलता है.
देरी पर पेनल्टी: किसानों के लिए सुरक्षा कवच
अब योजना में देरी नहीं बर्दाश्त की जाएगी:-
- यदि राज्य सरकार अपनी अंश राशि की देरी करती है-तो उस पर 12 फीसदी पेनल्टी होगी.
- अगर बीमा कंपनी भुगतान में विलंब करती है-तो पेनल्टी सीधे किसानों को मिलेगी.
- केंद्र की सब्सिडी के आधार पर अनुपातिक भुगतान सीधे शुरू हो जाएगा-जिससे किसान को देरी का असर नहीं होगा.
अब तक का सफर: रिकॉर्ड लोन-रहित लाभ
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने की थी (कार्यकारी 18 फरवरी 2016).
- अब तक 78 करोड़ से ज्यादा आवेदन कवर किए जा चुके हैं.
- कुल क्लेम राशि 1.83 लाख करोड़ रुपये भेजी गई.
- किसानों द्वारा केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया गया-यानि औसतन 5 गुना अधिक लाभ मिला है.
सभा का मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जबकि मुख्य अतिथि होंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा. साथ में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. आयोजन स्थल पर और वर्चुअल माध्यम से लाखों किसान जुड़कर इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनेंगे.