पीएम मोदी ग्रामीणों, आदिवासी और वंचित समाज को विकास की धारा में लाने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं और समय समय पर वह ऐसे लोगों को प्रोत्साहित भी करते हैं. आज मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने मेघालय के एरी सिल्क (Eri Silk) के जरिए अपना जीवन बेहतर करने वाले किसानों, आदिवासी समाज के लोगों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि एरी सिल्क को अहिंसा सिल्क भी कहा जाता है और इसके पीछे रोचक कहानी भी है.
एरी सिल्क को मिला जीआई टैग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 123वें संस्करण में कहा कि मेघालय के एरी सिल्क को कुछ दिन पहले ही GI टैग मिला है. एरी सिल्क मेघालय के लिए एक धरोहर की तरह है. यहां की जनजातियों ने खासकर खासी समाज के लोगों ने पीढ़ियों से इसे सहेजा भी है और अपने कौशल से समृद्ध भी किया है. इसे राज्य से निकलकर देश और विदेशों तक पहुंचाने की जरूरत है.
क्यों कहते हैं इसे अहिंसा सिल्क
पीएम ने कहा कि ईरी सिल्क की कई ऐसी खूबियां हैं जो इसे बाकी फेब्रिक से अलग बनाती हैं. इसकी सबसे खास बात है इसे बनाने का तरीका. इस सिल्क को जो रेशम के कीड़े बनाते हैं, उन्हें हासिल करने के लिए मारा नहीं जाता है. इसलिए इसे ‘अहिंसा सिल्क’ भी कहते हैं. क्योंकि, रेशम हासिल करने के लिए कई बार कीटों की मौत हो जाती है. लेकिन ईरी सिल्क के लिए कीट को मारा नहीं जाता है.
नई पीढ़ी को एरी सिल्क को विस्तार देना होगा
आजकल दुनिया में ऐसे उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है जिनमें हिंसा ना हो और प्रकृति पर इसका दुष्प्रभाव ना पड़े. इसलिए ये ईरी सिल्क नई पीढ़ी की पहचान है. उन्होंने कहा कि युवाओं को इस अनोखी धरोहर को विस्तार देने के लिए खुलकर सामने आना होगा और कारोबार को विस्तार देकर खुद अच्छी कमाई हासिल करें और दूसरों के लिए भी रोजगार के मौके बनाएं.

मन की बात में पीएम ने एरी सिल्क पर बात की.
गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्मी का अहसास देता है कपड़ा
एरी सिल्क स्टेपल फाइबर है, जो अन्य सिल्क से काफी अलग होता है. इस सिल्क से कपड़े बनाने के लिए ऊन और कपास का इस्तेमाल भी किया जाता है. एरी सिल्क के बने कपड़े खुरदरे, महीन और गहरी बुनाईदार होती है. इसका कपड़ा बहुत मजबूत, टिकाऊ होता है. मेघालय का एरी सिल्क (Eri Silk) वैश्विक बाजार के लिए एक उपयुक्त प्रोडक्ट है. इसकी एक और खास बात है, ये सिल्क सर्दी में गरम करता है, और गर्मियों में ठंडक देता है.