कम खर्च में लाखों की कमाई, जानिए कैसे वनश्री नस्ल से मुर्गी पालन बन सकता है फायदेमंद बिजनेस

वनश्री नस्ल की मुर्गियों से किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. इसकी खासियतें इसे दूसरों से अलग बनाती हैं. सही देखभाल और रणनीति से यह व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

Kisan India
नोएडा | Published: 27 Sep, 2025 | 06:45 AM

Poultry Farming:- खेती-किसानी के साथ-साथ अब मुर्गी पालन भी किसानों के लिए एक बढ़िया कमाई का साधन बनता जा रहा है. खासकर जब नस्ल अच्छी हो और देखभाल सही तरीके से की जाए. ऐसे में वनश्री नस्ल की मुर्गियों ने मुर्गी पालन में दिलचस्पी रखने वाले किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए एक नई उम्मीद जगा दी है. इस नस्ल की खास बात ये है कि यह कम खर्च में ज्यादा उत्पादन देती है और इसकी बाजार में भी अच्छी मांग है. आइए जानते हैं, कैसे वनश्री नस्ल (Vanshree breed) की मुर्गियों से किसान सालाना लाखों रुपये तक कमा सकते हैं.

क्या है वनश्री नस्ल और क्यों है ये खास?

वनश्री एक देसी नस्ल है जिसे वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया गया है ताकि यह देसी स्वाद और अधिक उत्पादन-दोनों का मेल दे सके. इस नस्ल की मुर्गियां ज्यादा अंडे देती हैं, तेजी से बढ़ती हैं और रोगों के प्रति इनकी प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है. यही वजह है कि गांव-देहात में रहने वाले किसानों के लिए यह नस्ल एकदम सही साबित हो रही है. इन मुर्गियों को पालना आसान है और इनके लिए ज्यादा खर्च भी नहीं आता. देसी मुर्गियों का स्वाद और ताकत इस नस्ल में भी बरकरार है, इसलिए बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिलती है.

कम लागत में तैयार हो जाता है पालन ढांचा

मुर्गी पालन (Poultry Farming) शुरू करने के लिए किसी बड़ी व्यवस्था की जरूरत नहीं होती. खासकर वनश्री नस्ल के लिए तो बहुत महंगे ढांचे की जरूरत ही नहीं है. किसान अपने खेत के कोने में या घर के पास एक छोटा-सा शेड बनाकर भी पालन शुरू कर सकते हैं. एक शुरुआत के तौर पर किसान 50 से 100 चूजों से काम शुरू कर सकते हैं. इन मुर्गियों के लिए सस्ते घरेलू फीड जैसे चावल की भूसी, मक्का, हरे चारे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे खर्च भी कम होता है और मुर्गियों की सेहत भी बनी रहती है.

उत्पादन में जबरदस्त, बाजार में अच्छी मांग

वनश्री नस्ल की मुर्गियां साल में औसतन 180 से 200 अंडे देती हैं, जो देसी मुर्गियों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. साथ ही इनका मांस भी स्वादिष्ट होता है और वजन तेजी से बढ़ता है, जिससे बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिलती है. ग्रामीण बाजारों के साथ-साथ अब शहरी क्षेत्रों में भी देसी नस्ल की मांग बढ़ रही है. रेस्टोरेंट और होटल वाले भी ऐसे मुर्गों को पसंद कर रहे हैं, जिनका मांस देसी स्वाद वाला हो. यही वजह है कि वनश्री नस्ल के पालन से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

देखभाल आसान, बीमारी की आशंका कम

वनश्री मुर्गियों की खासियत यह भी है कि ये सामान्य देसी वातावरण में आसानी से ढल जाती हैं. इनको बहुत ज्यादा दवाइयों या खास देखभाल की जरूरत नहीं होती. थोड़ी-बहुत साफ-सफाई और समय पर खाना-पानी देने से ही ये स्वस्थ बनी रहती हैं. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है, जिससे दवाइयों पर खर्च कम आता है. साथ ही, इनका पालन जैविक तरीके से भी किया जा सकता है, जिससे इनका मूल्य और भी बढ़ जाता है.

सालाना लाखों की कमाई का मौका

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसान रणनीति के साथ वनश्री नस्ल का पालन करते हैं तो यह व्यवसाय लाखों की कमाई का जरिया बन सकता है. एक मुर्गी साल भर में 180-200 अंडे देती है. अगर 100 मुर्गियां हैं, तो साल भर में करीब 18,000 से 20,000 अंडे मिल सकते हैं. अगर अंडों के साथ-साथ मांस बिक्री भी की जाए, तो कुल मिलाकर सालाना आय लाखों में पहुंच सकती है. कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने 50 मुर्गियों से शुरुआत की और आज हजारों की संख्या में मुर्गियां पालकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं.

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Published: 27 Sep, 2025 | 06:45 AM

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