नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीण बैंक की शुरुआत, 100 किमी का सफर हुआ आसान

इस नई शाखा के खुलने से न सिर्फ पामेड बल्कि आसपास के 50 से ज्यादा दूर-दराज के गांवों के लोगों को बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी. इससे पहले उन्हें बुनियादी बैंकिंग कामकाज के लिए करीब 100 किलोमीटर दूर अवपल्ली जाना पड़ता था, जो कि बहुत मुश्किल और समय लेने वाला था.

नई दिल्ली | Published: 27 May, 2025 | 02:45 PM

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले के पामेड गांव और आस पास के इलाके के लोग बेहद खुश हैं. यहां छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक ने अपनी नई शाखा खोली है, जो नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में विकास और बदलाव की उम्मीद लेकर आई है. इस नई शाखा के खुलने से न सिर्फ पामेड बल्कि आसपास के 50 से ज्यादा दूर-दराज के गांवों के लोगों को बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी. इससे पहले उन्हें बुनियादी बैंकिंग कामकाज के लिए करीब 100 किलोमीटर दूर अवपल्ली जाना पड़ता था, जो कि बहुत मुश्किल और समय लेने वाला था.

मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल उद्घाटन

इस बैंक शाखा का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ऑनलाइन माध्यम से किया. मुख्यमंत्री ने इस कदम को क्षेत्र में नक्सलवाद से विकास और सशक्तिकरण की ओर एक मजबूत कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पहले माओवादी समूहों का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब यह बदलाव और प्रगति की मिसाल बन रहा है. बैंक, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं बन रही हैं, जो इस इलाके के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं.

नक्सलवाद पर जीत और विकास का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह शाखा सिर्फ बैंक का उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकार की जनता के प्रति सेवा, विश्वास और स्थिरता की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.” उन्होंने यह भी साफ किया कि छत्तीसगढ़ सरकार मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है.

शिक्षा और स्वास्थ्य में भी बड़ा निवेश

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1.62 करोड़ रुपये की लागत से बने आदिवासी बालिकाओं के लिए छात्रावास का भी उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्र की युवतियों को बेहतर शिक्षा का मौका मिलेगा. साथ ही, बच्चों के पोषण सुधार के लिए न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर (NRC) का भी शुभारंभ किया गया, जो बालकुपोषण को कम करने में मदद करेगा. ये दोनों पहल क्षेत्र के शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर को बेहतर बनाएंगी.

गांवों में बैंकिंग से जुड़ेगा विकास

अब नक्सल प्रभावित इन इलाकों के लोग आसानी से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. इससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा और वे सरकारी योजनाओं तथा अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़ सकेंगे. इससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा और रोजगार तथा व्यवसाय के नए रास्ते खुलेंगे.