मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों, उद्यमियों और पेंशनरों के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले लिए हैं. मंत्रिपरिषद की बैठक में रेशम उत्पादन बढ़ाने, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने और पेंशनरों की मंहगाई राहत बढ़ाने के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इन योजनाओं का उद्देश्य सीधे लोगों की आय बढ़ाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है. खास बात यह है कि ये सभी फैसले किसानों, छोटे उद्योगपतियों और पेंशनरों के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगे.
रेशम समृद्धि योजना को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार की सिल्क समग्र-2 योजना को 25 फीसदी राज्यांश के साथ राज्य में रेशम समृद्धि योजना के रूप में लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है. इस योजना के तहत हितग्राहियों को रेशम उत्पादन से जुड़ी 23 गतिविधियों में आर्थिक सहायता मिलेगी. सामान्य वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत सहायता दी जाएगी. योजना के क्रियान्वयन से मलबरी, वन्या और पोस्ट ककून क्षेत्रों में सतत रोजगार मिलेगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी.
रेशम किसानों के लिए फायदे और लागत विवरण
इस योजना में अब प्रत्येक इकाई की कुल लागत बढ़कर 5 लाख रुपये हो गई है. इसमें सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को केंद्र से 2.50 लाख, राज्य से 1.25 लाख और खुद का अंश 1.25 लाख रुपये देना होगा. वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को केंद्र से 3.25 लाख, राज्य से 1.25 लाख और स्वयं का योगदान 0.50 लाख रुपये देना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना रेशम किसानों के लिए आय और रोजगार का बड़ा अवसर साबित होगी. इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
MSME क्षेत्र को मिलेगी नई गति
मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार के Raising and Accelerating MSME Performance (RAMP) योजना को प्रदेश में लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी है. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के लिए कुल बजट 105 करोड़ 36 लाख रुपये तय किया गया है, जिसमें 31 करोड़ 60 लाख रुपये राज्यांश के रूप में शामिल हैं. इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देकर उनकी क्षमता बढ़ाना है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे छोटे उद्योगों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के लिए राहत
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों की मंहगाई राहत दर में वृद्धि का भी निर्णय लिया. सातवें वेतनमान के तहत मंहगाई राहत 53 फीसदी से बढ़ाकर 55 प्रतिशत और छठवें वेतनमान के तहत 246 फीसदी से बढ़ाकर 252 प्रतिशत कर दी जाएगी. यह वृद्धि 1 सितम्बर 2025 से लागू होगी और अक्टूबर माह 2025 से भुगतान शुरू होगा. इस फैसले से राज्य के कोष पर लगभग 170 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय आएगा.
किसानों और उद्यमियों के लिए नई उम्मीद
इन पहलों से यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों, छोटे उद्योगपतियों और पेंशनरों को सीधे लाभ पहुंचाने की दिशा में गंभीर है. रेशम समृद्धि योजना और MSME योजना ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे उद्योगों को मजबूत करेंगे. वहीं, पेंशनरों की मंहगाई राहत से उनकी जीवनशैली में सुधार होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि योजनाओं को समय पर और सही तरीके से लागू किया गया, तो इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद है.