अगले 3-4 दिन में पूरे देश में पहुंचेगा मॉनसून, खेती और पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह

आईएमडी ने कहा है कि देशभर में मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना है. कहा कि अगले 3-4 दिनों में पूरे देश में बारिश होगी. बारिश के दौरान पशुओं की सेहत का खयाल रखने की सलाह दी है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 26 Jun, 2025 | 06:18 PM

इस बार देश में मॉनसून की एंट्री समय से पहले हुई है और अब पूरे देशभर में समय से पहले बारिश शुरू हो रही हैं.  भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देश के बाकी हिस्सों में मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना जताई है. आईएमडी ने कहा कि अगले 3-4 दिनों में पूरे देश में बारिश होगी. मौसम विभाग ने बारिश के दौरान पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. जबकि, किसानों को फसलों की बुवाई में तेजी लाने और खेतों से जल निकासी की व्यवस्थान करने का सुझाव दिया है.

भारत का वार्षिक मानसून अगले तीन से चार दिनों में पूरे देश में फैल सकता है, जो अपने सामान्य समय से एक सप्ताह से भी अधिक समय पहले है. रॉयटर्स ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि मॉनसून जल्दी आने से प्रमुख ग्रीष्मकालीन फसलों की समय पर बुवाई में मदद मिलने की उम्मीद है.

समय से पहले बढ़ रहा मॉनसून

आमतौर पर केरल में 1 जून के आसपास बारिश शुरू होती है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाती है. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में दो सप्ताह के ठहराव के बाद, मानसून ने पिछले सप्ताह गति पकड़ी और मध्य और उत्तरी राज्यों में तेजी से आगे बढ़ा. गुरुवार को जारी आईएमडी चार्ट के अनुसार राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अब अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हो चुकी है.

जून में बीते साल से 9 फीसदी ज्यादा बारिश

आईएमडी आंकड़ों के अनुसार जून के पहले पखवाड़े में औसत से 31 फीसदी कम बारिश हुई, लेकिन हाल ही में हुई बारिश ने इस महीने अब तक की कमी को पूरा करते हुए 9 फीसदी अधिक बारिश को पहुंचा दिया है.

देश की लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में मानसून की अहम भूमिका है, जो कृषि के लिए जरूरी बारिश का लगभग 70 फीसदी योगदान देता है और प्रमुख जल स्रोतों को फिर से भरता है. देश की लगभग 50 फीसदी खेती बारिश पर निर्भर है और सीधे जून-सितंबर के दौरान होने वाली बारिश सिंचाई के लिए काफी अहम है.

मक्का, धान और कपास की बुवाई में तेजी

आमतौर पर मानसून आने के बाद ही धान की रोपाई और खरीफ फसलों की बुवाई शुरू होती है. आईएमडी के दीर्घकालिक पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि भारत में 2025 में लगातार दूसरे साल औसत से अधिक बारिश की उम्मीद है. आईएमडी ने संभावना जताई है कि मध्य और उत्तरी राज्यों में इस सप्ताह और अगले सप्ताह औसत से अधिक बारिश होगी, जिससे चावल, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ने जैसी फसलों की बुवाई में मदद मिलेगी. बारिश के दौरान जलभराव से फसलों को सड़ने से बचाने के लिए किसानों को खेतों से जल निकासी की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है.

किसानों को पशुओं की देखरेख के लिए खास सलाह

मौसम विभाग ने बारिश के दौरान पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. बारिश के दिनों में पशुओं में खुरपका-मुंहपका, पेंचिस, निमोनिया जैसी संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं. जबकि, कीचड़ में रहने या बारिश से फिसलने से लगी चोट को ठीक होने में भी इन दिनों में देरी लगती है और इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है. जबकि, मक्खियों और मच्छरों की संख्या भी अधिक रहने से पशुओं को बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में किसानों को पशुओं को छांव वाले शेड में रखने और सूखा चारा खिलाना चाहिए.

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Published: 26 Jun, 2025 | 06:13 PM

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