बारिश के मौसम में करें अमरूद की खेती, गहराई तक जड़ों से मजबूत होते हैं पौधे

अमरूद की खेती के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच का होता है. इस दौरान नमी और तापमान दोनों ही अमरूद की खेती के अनुकूल रहते हैं. अमरूद की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का ही चुनाव करें

नोएडा | Updated On: 22 Jun, 2025 | 11:06 PM

बारिश के मौसम में किसान ऐसी बहुत सी फसलें उगाते हैं जिन्हें सिंचाई के लिए अलग से पानी देने की जरूरत नहीं होती. इन फसलों की सिंचाई के लिए बारिश का पानी ही पर्याप्त होता है. किसानों को इन फसलों से उत्पादन तो अच्छा मिलता ही है साथ ही कम लागत में मुनाफा भी ज्यादा होता है. बारिश आधारित फसलों में बहुत से फलों की खेती भी होती है. इन फलों में से एक अमरूद का फल भी है जिसकी खेती बारिश के मौसम में की जाती है.

ऐसे करें खेत की तैयारी

अमरूद की खेती के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच का होता है. इस दौरान नमी और तापमान दोनों ही अमरूद की खेती के अनुकूल रहते हैं. अमरूद की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का ही चुनाव करें . मिट्टी में बीज बुवाई से पहले खेत को अच्छे से जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके. खेत की अच्छे से जुताई के बाद उसे समतल कर लें. इसके बाद मिट्टी में 1 मीटर लंबे, 1 मीटर चौड़े और 1 मीटर गहरे गड्ढे खोदें. इसके बाद इन गड्ढों में 10 से 15 किग्रा गोबर की सड़ी खाद, 100 ग्राम नीम खली और थोड़ा सा वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं.

फल देने का समय

अमरूद के पौधों को लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि अमरूद की सामान्य किस्म के पौधों के बीच की दूरी 6*6 मीटर और अमरूद की बौनी किस्मों की खेती के लिए पौधों के बीच की दूरी 3*3 मीटर होनी चाहिए. इसके पौधों को तेज हवा और पानी से बचाने के लिए सहारा दें. बता दें कि मॉनसून में लगाए गए अमरूद के पौधे 1.5 से 2 स4ल में फल देना शुरू कर देते हैं. अगर पौधे की अच्छे से देखभाल की जाए तो 3 साल बाद एक पौधे से 40 से 100 किग्रा पैदावार की जा सकती है.

बारिश में अमरूद की खेती के फायदे

बारिश में अमरूद की खेती का सबसे बड़ा फायदा है कि इसके पौधे को प्राकृतिक बारिश से नमी मिलती है. पौधे का शुरुआती दौर में तेजी से विकास होता है. इसके अलावा कीटों और रोगों के संक्रमण का खतरा भी कम होता है और एक बार पौधे का रोपण करने के बाद 15 से 20 साल तक पौधे से पैदावार मिलती रहती है.

Published: 23 Jun, 2025 | 06:45 AM