Punjab Floods: पंजाब सरकार ने बीते तीन हफ्तों में आई भयंकर बाढ़ से राज्य को करीब 13,289 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया है. यह आंकड़ा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की दो अंतर-मंत्रालयी टीमों के सामने पेश किया, जो 4 सितंबर से पंजाब के दौरे पर हैं और नुकसान का जायजा ले रही हैं. खास बात यह है कि धान, गन्ना और कपास सहित कई फसलों की बड़े स्तर पर बर्बादी हुई है. इससे किसानों को आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.
वहीं, शनिवार दोपहर को एक बैठक हुई, जिसमें पंजाब सरकार की ओर से मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, केंद्र की टीमों की ओर से गृह मंत्रालय के राजेश गुप्ता और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संतोष कुमार तिवारी मौजूद थे. इस बैठक में पंजाब सरकार ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की है, ताकि बाढ़ से प्रभावित किसान और आम लोगों को मुआवजा दिया जा सके. साथ ही, सरकार ने सड़कें, पुल, पुलिया, बाढ़ सुरक्षा तंत्र और बिजली व्यवस्था जैसी क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए भी मदद मांगी है.
केंद्र की टीमें हालात का जायजा लेंगी
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर और अमृतसर जिलों की फसलों को हुआ है. हालांकि, नुकसान की सही तस्वीर तभी सामने आएगी जब बाढ़ का पानी पूरी तरह उतर जाएगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की टीमें हालात का जायजा ले चुकी हैं, लेकिन बाढ़ का पानी उतरने के बाद वे एक बार फिर राज्य का दौरा कर नुकसान का विस्तृत सर्वे करेंगी.
60,000 करोड़ रुपये की राशि की मांग
इसी बीच पंजाब में केंद्र सरकार से वित्तीय मदद की मांग तेज होती जा रही है. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार को कम से कम अभी के लिए लंबित 60,000 करोड़ रुपये की राशि जारी करनी चाहिए, जिसमें 49,727 करोड़ रुपये का GST मुआवजा और 8,000 करोड़ रुपये की RDF और MDF ग्रांट शामिल है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी को पंजाब और यहां की जनता से नफरत है. इस मुश्किल घड़ी में मदद ना करना, पंजाब और पंजाबियों को खुद से दूर करने जैसा होगा.
आनंदपुर साहिब से AAP सांसद मलविंदर सिंह कांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर याद दिलाया कि पिछले साल आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष बजटीय सहायता दी गई थी. उन्होंने लिखा है कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ भी वैसा ही सहयोग करेगी.
कृषि मंत्री के बयान को किया खारिज
वहीं, पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस आरोप को खारिज किया कि नदी तल में अवैध खनन के कारण बाढ़ आई. गोयल ने कहा कि यह बाढ़ अधिक बारिश के कारण आई थी, जिससे नदियों, खासकर रावी में रिकॉर्ड मात्रा में पानी आया. रावी में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास होने के कारण खनन की अनुमति ही नहीं है. सिर्फ सतलुज नदी में खनन की इजाजत है, वो भी केंद्र की संस्था की मंजूरी से होती है.