Mandi Bhav: बारिश से बिगड़ी प्याज की क्वालिटी, 300 रुपये क्विंटल रेट.. किसानों ने की MSP की मांग

कर्नाटक में लगातार बारिश से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है. बल्लारी मंडियों में प्याज के दाम 300-1200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं, जबकि लागत 80,000 रुपये प्रति एकड़ है. किसानों ने 4,000 रुपये MSP तय करने की मांग की है.

नोएडा | Updated On: 6 Sep, 2025 | 04:58 PM

लगातार हो रही बारिश से केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में ही फसलों को नुकसान नहीं पहुंच रहा है, बल्कि कर्नाटक में भी किसान परेशान हैं. खास कर पिछले दो महीनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने प्याज की फसल को बहुत अधिक नुकसा पहुंचा है. इससे प्याज की क्वालिटी भी खराब हो गई है. ऐसे में किसानों को मार्केट में प्याज का उचित रेट नहीं मिल पा रहा है. मौजूदा वक्त में बल्लारी जिले की मंडियों में मिडियम क्वालिटी का प्याज 300 से 800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों ने MSP पर प्याज की खरीद शुरू करने की मांग की है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छी क्वालिटी का प्याज 900 से 1,200 रुपये क्विंटल बिक रहा है, जो किसानों के लिए बहुत कम है. किसानों का कहना है कि एक एकड़ में प्याज उगाने पर लगभग 80,000 रुपये का खर्च आता है. ऐसे में सरकार को प्याज के लिए 4,000 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करना चाहिए, ताकि किसानों को नुकसान से उबारा जा सके.

बारिश से फसल को नुकसान

दरअसल, बल्लारी जिले में बारिश ने किसानों की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. ज्यादातर फसल कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन अचानक तेज बारिश ने किसानों को बड़ी मुसीबत में डाल दिया. बारिश अभी भी जारी है, जिससे खेतों में पानी भर गया है और फसलों में फंगल इंफेक्शन और कोलेरोगा जैसी बीमारियां फैल रही हैं. वहीं, किसानों का कहना है कि अगर समय रहते उपचार नहीं किया गया, तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी.

कर्ज में डूबे किसान

किसान वीरेश केंचम्मनल्ली का कहना है कि मैंने नौ एकड़ में प्याज की खेती की थी और इसके लिए निजी साहूकारों से कर्ज लिया था. लेकिन तेज बारिश की वजह से मैं फसल नहीं काट सका और पांच एकड़ की फसल लीफ ब्लाइट बीमारी से खराब हो गई. अब मुझे भारी नुकसान हुआ है और मैं कर्ज में डूब गया हूं. हुविनहदगली के किसान प्रदीप ने कहा कि मैंने चार एकड़ में प्याज बोया था, लेकिन दो एकड़ की फसल बारिश में बर्बाद हो गई. अब कर्ज चुकाने के लिए मुझे जमीन बेचनी पड़ सकती है. यानी कुल मिलाकर, बारिश और बीमारियों के चलते प्याज किसानों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

प्याज की बिगड़ी क्वालिटी

राज्य प्याज किसान संघ के अध्यक्ष सिद्धेश का कहना है कि शुरूआत में बारिश ठीक-ठाक थी, तो किसानों ने खरीफ सीजन में प्याज की बुआई शुरू कर दी थी. किसानों को उम्मीद थी कि इस बार अच्छा मुनाफा होगा. लेकिन लगातार भारी बारिश ने किसानों की सारी उम्मीदें तोड़ दीं. सिद्धेश ने कहा कि फसल खराब होने के कारण अब मध्यम गुणवत्ता वाले प्याज 300 से 800 रुपये प्रति क्विंटल और अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज 900 से 1,200 रुपये में बिक रहे हैं, जो किसानों के लिए बहुत कम है.

4000 रुपये क्विंटल MSP की मांग

कहा जा रहा है कि बारिश के चलते जिले में हालात इतने खराब हैं कि कई किसानों ने तो खेतों में ही फसल छोड़ देने का फैसला किया है. सिद्धेश ने केंद्र सरकार से मांग की कि प्याज खरीद केंद्र खोले जाएं और किसानों को राहत देने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाए.

Published: 6 Sep, 2025 | 04:51 PM