जीएसटी में सुधार होने से किसानों को हर मोर्चे पर बहुत फायदा मिलने वाला है. उनके लिए खेती करना पहले के मुकाबले कम खर्चीला हो जाएगा. खासकर पुशपालक और इससे जुड़ व्यापार करने वाले लोगों को ज्यादा मुनाफा होगा. दरअसल, ये कहना है केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का. उन्होंने शनिवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब डेरी क्षेत्र में दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. इससे आम लोगों को फायदा होगा और दूध की मांग भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी में कटौती से दूध खरीदकर डेरी उत्पाद बनाने वाले और सीधे दूध देने वाले किसान दोनों को लाभ मिलेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सिंचाई तकनीकों पर भी टैक्स कम किया गया है. इससे ये तकनीक आम किसानों की पहुंच में आएंगी, जिससे पानी की बचत होगी और फसल उत्पादन बढ़ेगा. ऐसे में किसानों की कमाई भी बढ़ेगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मक्खन और घी पर जीएसटी कम कर दिया गया है. इससे देशी उत्पाद ज्यादा बिकेंगे. उन्होंने कहा कि दूध के पैकेट पर भी जीएसटी घटाई गई है, जिससे डेरी उद्योग को फायदा होगा. डेरी क्षेत्र बढ़ेगा तो किसान और पशुपालक भी आगे बढ़ेंगे. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 12 प्रकार के कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रो न्यूट्रिएंट्स) पर भी जीएसटी घटाई गई है. इससे प्राकृतिक और जैविक खेती को फायदा होगा, क्योंकि इन जैविक उत्पादों की कीमतें कम होंगी. इससे रासायनिक उर्वरकों से जैविक उर्वरकों की ओर किसानों का रुझान बढ़ेगा.
फल, सब्जी और मेवों पर जीएसटी घटाया गया
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, उर्वरक बनाने वाले कच्चे माल जैसे अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. इससे इनकी कीमतें कम होंगी और किसानों को लाभ मिलेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग और वैल्यू एडीशन जरूरी हो गया है. सरकार ने प्रोसेस्ड और संरक्षित फल, सब्जियों, मेवों पर जीएसटी घटाया है, जिससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. खास कर कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को भी इसका लाभ होगा.
सोलर उपकरण किसानों को मिलेंगे सस्ते
उन्होंने कहा कि मछली पालन करने वाले किसानों को भी जीएसटी में राहत दी गई है, क्योंकि तैयार या संरक्षित मछली पर टैक्स कम किया गया है. अब खेतों में भी बड़े पैमाने पर मछली पालन हो रहा है. उनके मुताबिक, प्राकृतिक शहद पर भी जीएसटी घटाया गया है, जिससे शहद उत्पादक किसानों को भी फायदा होगा. इसके अलावा, ऊर्जा आधारित उपकरणों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. इससे सोलर जैसे उपकरण किसानों को सस्ते मिलेंगे.