पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते दिल्ली से गुजरने वाली यमुना नदी और हिंडन नदी उफान पर जाने से कई इलाके और दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. नदियों का जलस्तर कम होने के बाद भी हिंडन नदी के पानी की चपेट में 15 गांव अभी भी बने हुए हैं. वहीं, दिल्ली एनसीआर के गाजियबाद इलाके में गंगनहर उफनाने की वजह से भी कई गांवों और खेतों में जलभराव बना हुआ है. इसकी वजह से धान, गन्ना, ज्वार, मक्का समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जबकि, गन्ना फसल में कई तरह के रोग लगने शुरू हो गए हैं और किसानों के बीच गेहूं की बुवाई में देरी की चिंता बढ़ गई है. वहीं, यमुना से प्रभावितों को दिल्ली सरकार ने मुआवजा देने की बात कही है.
एनसीआर से गुजरने वाली हिंडन नदी की चपेट में अभी भी गाजियाबाद जिले के दर्जनभर से ज्यादा गांव बने हुए हैं. बारिश बंद होने के बाद भी खेतों में एक से डेढ़ फुट पानी भरा है. पानी सूखने की स्थिति अगले एक माह भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में इन गांवों के किसान न तो पशुओं के लिए चारे का प्रबंध कर पा रहे हैं और न ही फसलों की देखरेख हो रही है.
पानी में डूबी गन्ने की फसल में रोग लगना शुरू
गाजियाबाद देहात क्षेत्र के 15 गांवों की फसलें डूबीं हुई हैं और भारी नुकसान हुआ है. गाजियाबाद गंगनहर और हिंडन नदी के बीच पड़ने वाले 15 से अधिक गांवों में गन्ना, धान, ज्वार, मक्का आदि की फसलें जलमग्न बनी हुई हैं. गन्ने की फसल में पिछले साल की तरह रोग आना शुरू हो गया है. धान की भी यही स्थिति है. कई गांवों में खेतों में पानी भरे होने की वजह से ज्वार और मक्का की फसल सड़नी शुरू हो गई है.
गेहूं की बुवाई में देरी होने की चिंता
किसानों ने कहा कि जितना पानी खेतों में अभी भरा है, उससे तय है कि गेहूं समेत अन्य किसी फसल की बुआई इस सीजन में इन गांवों में नहीं होगी. पिछले साल 20 क्विंटल प्रति बीघा के हिसाब से भी गन्ना नहीं निकला. इसमें किसानों की लागत भी वापस नहीं आई. न ही किसान अगली फसल बो सके रोगग्रस्त गन्ने को इस साल भी मिल नहीं खरीदेगा. ऐसे में इन गांवों पर आई आपदा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सही सर्वे रिपोर्ट तैयार करानी चाहिए. किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई हो सके.
दिल्ली के किसानों को मुआवजा के लिए सर्वे
दिल्ली सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों के साथ है और उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाएगा. दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा और समाज कल्याण मंत्री रवींद्र इंद्राज सिंह ने पल्ला से हिरनकी तक बाढ़ प्रभावित इलाकों का संयुक्त निरीक्षण किया. विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर हमने नुकसान का आकलन करने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण किया और राहत उपायों की समीक्षा की. हमने सब्जियों और धान जैसी फसलों को हुए नुकसान की गंभीरता को समझने के लिए किसानों और स्थानीय निवासियों से बातचीत की. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री यमुना नदी के तटबंधों में दरार से हुई तबाही को लेकर बेहद चिंतित हैं.