देशभर में जोरदार बारिश हो रही है. ऐसे में पशुओं की सेहत ठीक बनाए रखने और उन्हें संक्रामक बीमारियों से बचाने की सलाह कृषि वैज्ञानिकों ने दी है. वहीं, बारिश से फसलें डूब गई हैं और उनके सड़कर खराब होने का खतरा बढ़ गया है. धान, मक्का, रागी, राजमा, सब्जी फसलों के साथ ही बागवानी फसलों को लेकर मौसम विभाग ने किसानों को एडवाइजरी जारी की है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, बंगाल, ओडिशा समेत कई राज्यों के किसानों को मवेशियों और खेती को लेकर टिप्स दिए हैं. कर्नाटक में भारी बारिश और जलभराव से मसाला फसलों काली मिर्च, इलायची, कॉफी, सुपारी फसलों को नुकसान का खतरा है.
पहाड़ी इलाकों में कटी फसलों का भंडारण करने की सलाह
भारी से बहुत भारी बारिश के संभावित प्रभाव को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कृषि मौसम संबंधी परामर्श जारी किया गया है. पहाड़ी राज्यों में जम्मू और कश्मीर में, उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मक्का और रोपे गए धान के खेतों में और मध्यवर्ती क्षेत्र में मक्का के खेतों में पर्याप्त जल निकासी की सुविधा करने की सलाह किसानों को दी गई है. वहीं, उत्तराखंड में सोयाबीन, मक्का, बाजरा, रागी, अरहर, राजमा, सब्जियों और बागानों में जल निकासी की सुविधा करने को कहा गया है. पकी हुई सब्जियों और फलों की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के लिए सलाह
मध्य प्रदेश में काइमोर पठार और सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्र में धान की नर्सरी और सोयाबीन, मक्का और सब्जियों के खेतों से, बुंदेलखंड क्षेत्र में धान एवं सब्जियों के खेतों और फलों के बागानों से एवं गिर्द क्षेत्र में सोयाबीन और बाजरा के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें. वहीं, छत्तीसगढ़ में धान, मक्का, अरहर, लघु अनाज और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें. लंबी और कमजोर फसलों को गिरने या टूटने से बचाने के लिए खूंटियों या बांस से सहारा प्रदान करें. उधर, झारखंड में मक्के के खेतों, धान और सब्जियों की नर्सरियों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें. सब्जियों की नर्सरियों को पॉलीथीन शीट से ढक दें.
बिहार के जलोढ़ इलाकों में खास ध्यान दें किसान
बिहार में उत्तर-पूर्वी जलोढ़ क्षेत्र में मक्का, रागी, कोदो, सावा और सब्जियों के खेतों में बारिश के पानी को जमा नहीं होने देने की सलाह दी है. दक्षिण बिहार जलोढ़ क्षेत्र के निचले इलाकों फसलों में उचित जल निकासी सुनिश्चित करें. वहीं, महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण के हिस्से में धान और रागी की नर्सरियों, मूंगफली, सब्जियों और बागानों से तथा मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में धान और रागी की नर्सरियों से अतिरिक्त पानी की निकासी करें.
काली मिर्च, इलायची और सुपारी फसलों पर खतरा
तटीय कर्नाटक में तटीय क्षेत्र में धान की नर्सरियों, रोपे गए धान के खेतों और सुपारी व नारियल के बागानों से तथा पहाड़ी क्षेत्र में धान की नर्सरियों और मक्का, कपास और अदरक के खेतों तथा सुपारी के बागानों से अतिरिक्त पानी की निकासी करें. दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में दक्षिणी शुष्क क्षेत्र में धान, मक्का, उड़द, मूंग, सेम, लोबिया, गन्ना, सब्जियों एवं अदरक के खेतों तथा कॉफी, काली मिर्च, इलायची, सुपारी और केले के बागानों से तथा दक्षिणी संक्रमण क्षेत्र में धान की नर्सरियों, धान, रागी एवं मक्का के खेतों तथा सुपारी और काली मिर्च के बागानों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें.
केरल में जलभराव को रोकने हेतु धान की नर्सरियों, रोपे गए धान के खेतों, नारियल और केले के बागानों में उचित जल निकासी की सुविधा करें. केले के पौधों को भारी बारिश से बचाने हेतु पौधों को सहारा दें करें.
पशुपालन और मत्स्य पालन करने वालों को सलाह
भारी वर्षा के दौरान पशुओं को शेड के अंदर रखें और उन्हें संतुलित आहार दें.
बारिश में पशुओं का चारा खराब होने का खतरा रहता है, इसलिए खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर रखें.
मछली पालकों को तालाब से अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए तालाब के चारों ओर उचित जाल का इस्तेमाल करें और आउटलेट बनाएं, ताकि अतिप्रवाह में मछलियों को बाहर निकलने से रोका जा सके.